नई दिल्ली। किसान आंदोलन बुधवार को 35वें दिन जारी है। किसानों के मसले का समाधान तलाशने और आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार के साथ किसान ने...
नई दिल्ली। किसान आंदोलन बुधवार को 35वें दिन जारी है। किसानों के मसले का समाधान तलाशने और आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार के साथ किसान नेताओं की वार्ता आज दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। इस दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहेंगे। सरकार द्वारा तय तारीख और समय के अनुसार वार्ता के लिए आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठन भी तैयार हैं। बता दें कि, किसान नेताओं की तरफ से पहले यह वार्ता मंगलवार 29 दिसंबर को प्रस्तावित थी। मगर, सोमवार को सरकार की तरफ से किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में उन्हें वार्ता के लिए 30 दिसंबर दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन आमंत्रित किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान बीते महीने 26 नवंबर से डेरा डाले हुए हुए हैं। आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। किसान की समस्या का समाधान तलाशने के लिए किसान के साथ किसान नेताओं की 5 दौर की औपचारिक वार्ताएं बेनतीजा रहने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री के साथ भी किसान नेताओं की एक समिति की वार्ता हुई। इस वार्ता के बाद सरकार ने उन्हें नए कृषि कानूनों में संशोधन समेत उनके तमाम मसलों के समाधान के लिए प्रस्ताव भेजे जिसे किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। सरकार की पहल पर अब फिर किसान संगठनों के नेता वार्ता के लिए राजी हुए हैं। मगर, इसके लिए उन्होंने सरकार के पास अपना एजेंडा पहले ही भेज दिया है।
तय एजेंडा में शामिल 4 मुद्दे इस प्रकार हैं:
1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि।
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसएपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान।
3. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी है।
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में जरूरी बदलाव।
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