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जबरदस्त विस्फोट के कारण कांप उठी थी धरती, 60 किमी दूर घरों के टूट गए थे शीशे

नई दिल्ली।  दुनिया में बहुत सारी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनका रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है. ऐसी ही एक घटना 112 साल पहले रूस में हुई थी. जिसे ल...


नई दिल्ली। दुनिया में बहुत सारी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनका रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया है. ऐसी ही एक घटना 112 साल पहले रूस में हुई थी. जिसे लेकर आज भी वैज्ञानिक हैरान हैं. इस घटना को याद करके ही रूस के लोगों की रूह कांप जाती है. 112 साल बीत जाने के बाद भी इस घटना के बारे में वैज्ञानिक कोई निष्कर्ष निकाल नहीं पाए हैं.

30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया इलाके में एक जबरदस्त विस्फोट हुआ था. यह विस्फोट पॉडकामेन्या तुंगुस्का नदी के पास हवा में हुआ था. उस समय हुआ यह विस्फोट इतना भीषण था कि इस विस्फोट के कारण धरती कांप उठी थी. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि जिस जगह यह धमाका हुआ था, वहां से करीब 60 किलोमीटर दूर लोगों के घरों के शीशे टूट घए थे.

इस घटना के बारे में कहा जाता है कि उस दौरान हवा मे एक आग का गोला उठा था. इस आग के गोले की चौड़ाई करीब 50-100 मीटर की थी. यह विस्फोट जिस क्षेत्र में हुआ था, वो घनी आबादी वाला इलाका नहीं था और वहां ज्यादातर पेड़-पौधे ही थे. इस विस्फोट के कारण करीब 8 करोड़ से अधिक पड़े तबाह हो गए थे.

तब सराकरी फाइलों में इस विस्फोट के कारण एक व्यक्ति कि मौत बताई गई थी. वह व्यक्ति विस्फोट से पैदा हुई ऊर्जा के कारण पेड़ से टकरा गया था. वह उसी पेड़ में अटक गया था जिसके कारण उसकी जान चली गई थी. एक चश्मदीद ने बताया था कि जब विस्फोट हुआ तो आसमान दो हिस्सों में बंट गया था. जंगल के ऊपर आसमान का पूरा उत्तरी भाग ऐसा लग रहा था कि जैसे उसमें आग लग गई हो।

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