नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लागातार विरोध हो रहा है. एक तरफ दिल्ली के अलग-अलग बार्डरों पर विभिन्न किसान संग...
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लागातार विरोध हो रहा है. एक तरफ दिल्ली के अलग-अलग बार्डरों पर विभिन्न किसान संगठन बैठे हुए हैं, तो देश के अलग अलग हिस्सों से इन विरोध प्रदर्शन की जगहों पर किसानों का आना लगा हुआ है. दिल्ली के टिकरी बार्डर पर पंजाब और हरियाणा से आए किसान बीते 36 दिनों से बैठे हुए हैं. दूसरी तरफ पंजाब से आए किसान लगातार मुकेश अंबानी की कंपनी जियो का विरोध कर रहे हैं.
इन किसानों का मानना है कि नए कानूनों के आने के बाद से अंबानी और अडानी की कंपनियों को फायदा होगा और यही कारण है कि किसान जियो को लगातार निशाना बना रहे हैं. खबर की मानें तो बीते कुछ दिनों से पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने जियो के टावरों का अपना निशाना बनाया है.
हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों से इसको लेकर अपील भी की थी, लेकिन लगता है किसानों पर इन अपीलों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. रविवार दावा किया गया कि शानिवार 26 दिसंबर को ही पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में करीब 150 से अधिक मोबाइल टावरों को निशाना बनाया गया है, जिससे इलाके में दूरसंचार सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. वहीं अब तक जिन टेलीकॉम टॉवर को नुकसान पहुंचाया गया है उनकी कुल संख्या 1,338 हो गई है.
मामले से जुड़े लोगों की मानें तो पंजाब के विभिन्न हिस्सों से टावरों की बिजली काटने और टावरों को कुल्हाड़ी से काटने की कई कोशिशें हुई हैं. इस सूत्र ने आगे कहा,"साइट प्रबंधकों को प्रदर्शन कारी लोगों को कोशिश के दौरान मारा जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है." इस मामले से जुड़े दूसरे व्यक्ति ने बताया कि जिन टेलिकॉम टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, उसमें जियो के टावरों की संख्या अधिक है.
माना जा रहा है कि पुलिस प्रदर्शकारियों पर किसी तरह का कोई एक्शन नहीं ले रही है, जिसके कारण दूरसंचार सेवाओं को दोबारा से शुरू करने में परेशानी आ रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने भी शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से दूरसंचार सेवाओं को नुकसान ना पहुंचाने का आग्रह किया था।
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