नई दिल्ली। आग से हर कोई डरता है। थोड़ी तेज गर्मी भी इंसान सहन नहीं कर सकता । पर आज हम आपको ऐसे जीव के बारे में बता रहे हैं जो खौलते पानी मे...
नई दिल्ली। आग से हर कोई डरता है। थोड़ी तेज गर्मी भी इंसान सहन नहीं कर सकता । पर आज हम आपको ऐसे जीव के बारे में बता रहे हैं जो खौलते पानी में भी जिंदा रहता है। धरती के सबसे कठोर जीव कहे जाने वाले वॉटर बीयर यानी टार्डिग्रेड्स को आप खौलते पानी में डाल दीजिए, भारी वजन के नीचे कुचल डालिए या फिर अंतरिक्ष में फेंक दीजिए, ये जिंदा रह जाएंगे। इतना ही नहीं साल 2007 में वैज्ञानिकों ने हजारों टार्डिग्रेड्स को सैटेलाइट में डालकर स्पेस में भेज दिया। जब ये स्पेसक्राफ्ट धरती पर लौटा, तो देखा गया कि टार्डिग्रेड्स जीवित थे। यहां तक कि मादा टार्डिग्रेड ने अंडे भी दे रखे थे।
आमतौर पर इंसान 35 से 40 डिग्री के तापमान में ही परेशान हो जाता है, वहीं ये जीव 300 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान को सहन कर सकता है। इतना ही नहीं ये जीव अंतरिक्ष के ठंड और मरियाना ट्रेच जैसे भारी दबाव वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है। माना जा रहा है कि टार्डिग्रेड धरती के सबसे मजबूत जीव हैं, जो ज्वालामुखी से लेकर बर्फ में भी जीवित रह जाते हैं।
-रेडिएशन सहने की भी क्षमता
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस जीव के अंदर पैरामैक्रोबियोटस नामक जीन पाया जाता है। पैरामैक्रोबियोटस एक सुरक्षात्मक फ्लोरोसेंट ढाल है, जो अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन का विरोध करता है। यह जीन हानिकारक पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित कर उसे हानिरहित नीली रोशनी के रूप में वापस बाहर निकालता है। वहीं सामान्य जीव इन हानिकारक किरणों के बीच महज 15 मिनट तक ही जिंदा रह सकते हैं।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के बायोकेमिस्ट हरिकुमार सुमा ने अपने रिसर्च पेपर में लिखा है कि हमारे अध्ययन में यह पता चला है कि पैरामैक्रोबियोटस के नमूने यूवी प्रकाश के तहत प्राकृतिक प्रतिदीप्ति प्रदर्शित करते हैं, जो यूवी विकिरण की घातक खुराक के खिलाफ रक्षा करता है।
शोधकर्ताओं की माने तो इस जीव के पैरामैक्रोबियोटस को निकालकर अन्य जीवों में भी ट्रांसफर किया जा सकता है। ऐसा करने से अन्य जीव भी खतरनाक हालातों और रेडिएशन के बीच जीवित रह सकते हैं। हालांकि, अन्य देशों के एक्सपर्ट इस स्टडी को अधूरा मान रहे हैं। अलग-अलग देशों के वैज्ञानिकों के इस अध्ययन को लेकर अलग-अलग मत हैं।
No comments