अबेर न्यूज। 17वीं लोकसभा के बजट सत्र में सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पेश करने की तैयार है. भारती...
अबेर न्यूज। 17वीं लोकसभा के बजट सत्र में सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पेश करने की तैयार है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा (digital currency) के लिए फ्रेमवर्क बनाया जायेगा. सरकार ने भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, ईथर, रिपल और अन्य को प्रतिबंधित करने के लिए एक विधेयक सूचीबद्ध किया है. विधेयक में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पर विधायी ढांचे के निर्माण का भी प्रावधान है. 25 जनवरी को जारी भुगतान प्रणालियों पर एक आरबीआई बुकलेट ने यह भी दिखाया कि केंद्रीय बैंक यह पता लगा रहा है कि क्या रुपये का डिजिटल संस्करण जारी करना है या नहीं.
2019 में एक बिल में क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और भारत में इसके कब्जे को आपराधिक बनाने की मांग की गई थी. हालांकि इसे संसद में पेश नहीं किया गया था. पिछले एक साल में भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेशकों की संख्या में और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि देखी गई है. Cryptocurrency एक्सचेंज जैसे CoinDCX और Coinswitch Kuber ने भी अपने संचालन के लिए शुरूआती चरण में धन जुटाया है. इस बिल से देश में नए क्रिप्टोकरेंसी उद्योग का अंत हो सकता है. बिल का विस्तृत पाठ अभी तक सार्वजनिक डोमेन में जारी नहीं किया गया है.
यदि ये विधेयक पारित हो जाता है, तो क्रिप्टोकरेंसी कानूनी लेन-देन और मुद्रा के रूप में उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित हो जाएगी. 25 जनवरी को जारी आरबीआई बुकलेट में कहा गया था कि केंद्रीय बैंक यह पता लगा रहा है कि क्या रुपये के डिजिटल संस्करण को जारी किया जाना चाहिए. भारत में नियामकों और सरकारों ने इन मुद्राओं के बारे में संदेह किया है और संबंधित जोखिमों के बारे में आशंका व्यक्त की है.
आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में अनुमान लगाया गया है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2021-22 में 11 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी -7.7 फीसदी रहने की उम्मीद है. यह केंद्रीय बैंक, अधिकांश अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और निजी विशेषज्ञों द्वारा पूवार्नुमान के अनुरूप है. भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर में कहा था कि उसे 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वित्त र्ष में देश की जीडीपी 7.5 फीसदी की गिरावट आने उम्मीद है.
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