नई दिल्ली। भारत में निर्मित दो कोविड वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के बाद 16 जनवरी को देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण...
नई दिल्ली। भारत में निर्मित दो कोविड वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने के बाद 16 जनवरी को देश में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। वहीं कई देशों ने भारत से कोविड वैक्सीन भेजने की मांग की है। वहीं अब कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने भारत से कोरोना वैक्सीन भेजने की अपील की है। कंबोडिया की मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
बता दें कि चीन ने 10 लाख कोविड वैक्सीन कंबोडिया भेजी हैं, इसके बावजूद कंबोडिया के प्रधानमंत्री ने भारत से वैक्सीन भेजने की मांग की है।
इन देशों ने मांगी भारतीय वैक्सीन
भारतीय वैक्सीन मांगने वाले देशों में नेपाल, भूटान, मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, ब्राजील, श्रीलंका, अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, मोरक्को, सऊदी अरब और मंगोलिया शामिल हैं। कई देश भारत सरकार से कोरोना वैक्सीन की तत्काल सप्लाई करने की मांग कर रहे हैं। भारत ने अपने पड़ोसी देशों की मदद से इनकार नहीं किया है। भारत सरकार अपने पड़ोसी देशों भूटान, अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और बांग्लादेश को वैक्सीन की एक करोड़ डोज देने को लेकर विचार कर रही है। ये वैक्सीन निश्चित आयु वर्ग के लोगों पर प्राथमिकता के आधार पर नियंत्रित इस्तेमाल के लिए दी जाएंगी। केंद्र सरकार वैक्सीन की सप्लाई की योजना पर काम कर रही है। सूत्रों के अनुसार, 45 लाख कोवैक्सीन के डोज में से 8 लाख डोज भारत की ओर से मॉरिशस , फिलिपींस और म्यांमार को भेजी जाएंगी। भारत इस महामारी में न केवल अपने पड़ोसियों की मदद करना चाहता है बल्कि मानवता धर्म को भी बखूबी निभाने की इच्छा रखता है।
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