रायपुर। हर इंसान अपने जीवन में सफल और स्वस्थ रहने के लिए बहुत कुछ करता है। लेकिन कभी कभी हम अपने जीवन में कुछ गलतियाँ अनजाने में क्र बैठते ह...
रायपुर। हर इंसान अपने जीवन में सफल और स्वस्थ रहने के लिए बहुत कुछ करता है। लेकिन कभी कभी हम अपने जीवन में कुछ गलतियाँ अनजाने में क्र बैठते है। जैसे के शास्त्रों के अनुसार हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का बहुत अधिक महत्तव है। कुछ लोग इन बातों पर विश्वास नहीं करते लेकिन इसका हमारे जीवन और सफलता में बहुत अधिक योगदान होता है। अगर हमारे घर की कोई भी वस्तु वास्तु शास्त्र के विपरीत हो तो उसका हमारे जीवन में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको वास्तु शास्त्र से जुड़ी कुछ खास बाते बताने जा रहे है।
सुबह सबसे पहले करें यह काम
सुबह जागने पर बेड से पैर सीधे जमीन पर रखने की जगह पहले धरती माता को छुकर नमस्कार करें। फिर घर की सभी खिड़कियां व दरवाजों को खोलें। इससे उगते सूरज की किरण घर के अंदर आएगी। इस तरह घर में मौजूद बैक्टीरियां दूर होकर पॉजीटिविटी का संचार होगा। साथ ही घर के सदस्यों की सेहत बरकरार रहेगी। इसके अलावा 11 बजे तक खिड़कियों व दरवाजों को बंद कर दें। असल में, इस समय सूरज से निकलने वाली तंरगें सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इससे स्किन के जुड़ी परेशानियां हो सकती है।
दीवारों पर ना हो सीलन
घर की दीवीरों पर सीलन होना बीमार होने की ओर इशारा करता है। इससे सांस व त्वचा से जुड़ी परेशानी हो सकती है। ऐसे में अगर कहीं भी सीलन होने लगे तो उसे पहले ही ठीक करवा लें। इसके अलावा वास्तु के अनुसार, सीलन घर में नकारात्मक ऊर्जा को फैलाने का काम करता है।
इस दिशा में सोना सही
सोने की सही दिशा ना होने पर मानसिक तौर पर दबाव पड़ता है। इसलिए सोने के समय कभी भी पैर दक्षिण और सिर उत्?तर दिशा की ओर नहीं होने चाहिए। नहीं तो सिर में दर्द और रात को नींद ना आने की परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही व्यक्ति को तनाव हो सकता है।
ब्लड प्रेशर वाले इस दिशा में सोने से बचें
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी है उनका बेडरूम घर की दक्षिण-पूर्व में नहीं होना चाहिए। असल में, यह दिशा आग्नेय कोण होती है। ऐसे में यहां पर सोने से ब्लड प्रेशर के बढ़ने का खतरा रहता है।
इस दिशा में सोएं गर्भवती महिलाएं
इस बात का ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं का कमरा घर की पूर्वोत्तर या ईशान कोण में न हो। नहीं तो इससे उन्हें गर्भपात का खतरा हो सकता है। ऐसे में इनके लिए हमेशा घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा उत्तम मानी जाती है। इसके साथ ही नवजात शिशु का कमरा पूर्व या फिर पूर्वोत्तर की ओर होना शुभ माना जाता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि सोने के दौरान शिशु का सिर कमरे की पूर्व दिशा में हो। असल में, घर की इस दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में यहां सोने से बच्चे में ऊर्जा का संचार होने के साथ बेहतर विकास होने में मदद मिलती है।
No comments