नई दिल्ली। 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है। ...
नई दिल्ली। 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है। एक ओर जहां मेरठ के बड़ौत में 40 दिन से चल रहे प्रदर्शन को पुलिस ने बीती रात खत्म कराया, वहीं यूपी गेट पर आंदोलन स्थल की बिजली काट दी गई। बिजली कटने के बाद अंधेरा होने के चलते गिरफ्तारी के डर से किसानों ने खुद रात में जागकर पहरा दिया। 26 जनवरी की हिंसा के बाद टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। हालांकि इसके बाद भी कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।
-गृहमंत्री आज घायल पुलिसकर्मियों से मिलेंगे
दिल्ली में 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। देश के गृहमंत्री अमित शाह इन घायल पुलिसवालों से मिलने अस्पताल जाएंगे।
-दिल्ली पुलिस ने खुलवाया दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला मार्ग
दिल्ली पुलिस ने आज एनएच-24 पर दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाला रास्ता खुलवाया। इसके बाद इस रूट पर ट्रैफिक सामान्य हो गया है।
-लाल किले पर भारी सुरक्षाबल तैनात
लाल किले पर 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद गुरुवार को यहां की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। लाल किले पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। बुधवार को दिल्ली पुलिस द्वारा किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज करने के बाद रात को यूपी गेट का नजारा कुछ अलग ही दिखाई दिया। बुधवार की रात 50-60 किसान पूरी रात बारी-बारी से पहरा देते रहे। वहीं किसान नेता और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व गाजीपुर आंदोलन कमेटी के सदस्य जगतार सिंह बाजवा भी यूपी गेट पर रात भर किसानों के साथ मौजूद रहे। दोनों नेता किसानों के साथ अलाव तापते नजर आए। वहीं किसान लगातार टिकैत अमर रहें और किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। इस दौरान यूपी पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार निगरानी करती रही। डीएम और एसएसपी के नेतृत्व में कई बार पुलिस आंदोलनस्थल के पास से भी गुजरी लेकिन किसान नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
No comments