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टेंडर निकाला नहीं, कोटेशन के आधार पर हो रहा मरम्मत व निर्माण - जांच का आदेश

सूरजपुर। सहायक आयुक्त कार्यालय सूरजपुर द्वारा बिना टेंडर कोटेशन के आधार पर मरम्मत व निर्माण कार्य कराने की शिकायत पर दो सदस्यीय टीम का गठन क...


सूरजपुर। सहायक आयुक्त कार्यालय सूरजपुर द्वारा बिना टेंडर कोटेशन के आधार पर मरम्मत व निर्माण कार्य कराने की शिकायत पर दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। कलेक्टर सूरजपुर के आदेश पर जांच की जिम्मेदारी एसडीएम सूरजपुर व जिला कोषालय अधिकारी को दी गई है।शिकायत में मरम्मत और निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप दस वर्षों के सभी सहायक आयुक्त, तकनीकी कर्मचारियों व ठेकेदारों पर लगाये गए थे। गौरतलब है कि सहायक आयुक्त कार्यालय सूरजपुर द्वारा जरायें जाने वाले मरम्मत के साथ निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार की बातें सामने आती हैं। मुख्य बात है कि नियमों को ताक में रखकर टेंडर निकालने की बजाए अधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को कमीशन के आधार पर ठेका कोटेशन में दे दिया जाता है। इन्हीं मामलों को लेकर प्रतापपुर के आरटीआई कार्यकर्ता राकेश मित्तल ने कलेक्टर सूरजपुर को शिकायत कर जांच की मांग की थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग सूरजपुर में बिना टेंडर मरम्मत कार्य कराने का खेल लंबे समय से चल रहा है जो नियम के विपरीत व गलत है तथा भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से कराया जाता है। पिछले दस सालों में ऐसा बड़े पैमाने पर किया गया है, दिखाने के हॉस्टल/स्कूल भवन में मरम्मत काम के ठेके निकाल दिए जाते हैं और इनकी आड़ में अधिकांश काम कोटेशन के आधार पर दे दिए जाते हैं।
दस साल में करोड़ों के काम हुए पर सभी बदहाल
पिछले दस सालों में इस कार्यालय से करोड़ों के काम कराये गए होंगे लेकिन फिर भी सभी भवन बदहाल स्थिति में हैं क्योंकि काम के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जाती है और फर्जी एमबी संधारण कर भुगतान कर दिया जाता है।पिछले दस सालों में बिना टेंडर कराये गए मरम्मत व निर्माण कार्यों की जांच व सभी कार्यों जो टेंडर से हुए हों या कोटेशन से,जांच व भौतिक सत्यापन कराना आवश्यक है।मामले में एक बात उल्लेखनीय है कि सम्बन्धित अधीक्षक या शिक्षक से पूर्णता प्रमाण पत्रों में दस्तखत करा लिए जाते हैं।उन्होंने पिछले दस सालों में बिना टेंडर कोटेशन के आधार पर हुए कामों की जांच करा उचित कार्यवाही की मांग की थी क्योंकि यह एक भ्रष्टाचार और बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितता है तथा टेंडर के द्वारा ही काम कराये जाने का प्रावधान है।उनकी शिकायत के बाद कलेक्टर सूरजपुर के निर्देश पर अपर कलेक्टर ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है जिसमें एसडीएम सूरजपुर को जांच टीम का अध्यक्ष व जिला कोषालय अधिकारी को सदस्य बनाया गया है।मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने जांच शुरू कर दी है और सहायक आयुक्त कार्यालय से सभी कामों की सूची मांगी है।
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