नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। अब इंसान को परेशान करने वाले कोरोना का असर आईसक्रीम पर भी पड़ गया है। चीन तियानजी...
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है। अब इंसान को परेशान करने वाले कोरोना का असर आईसक्रीम पर भी पड़ गया है। चीन तियानजीन म्यूनिसिपैलिटी इलाके में आईसक्रीम में कोरोना वायरस मिले हैं। अब तक आईसक्रीम के तीन सैंपल के पॉजिटिव आने की पुष्टि हो चुकी है। चीन की एक अखबार के मुताबिक ये आईसक्रीम जिस मिल्क पाउडर से बनाई गई थी वो न्यूजीलैंड और यूक्रेन से आए थे। फिलहाल आईसक्रीम की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सारे पुराने और नए स्टॉक की जांच की जा रही है। आईसक्रीम तियानजीन की फूड कंपनी ने बनाई थी। अब संक्रमण की वजह से कंपनी को 2089 आईसक्रीम के डिब्बे नष्ट करने पड़े। अधिकारियों का मानना है कि करीब 4, 836 आईसक्रीम के डिब्बे संक्रमित हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, संक्रमण का पता लगने तक आईसक्रीम के आधे से ज्यादा डिब्बे बिक्री के लिए अलग-अलग वेंडर्स को बांटे जा चुके थे। तियानजीन के बाहर जिन प्रांतों में यह आईसक्रीम भेजी गई, वहां बाजार नियामकों को इसकी जानकारी दे दी गई है। जिन ग्राहकों ने यह आईसक्रीम खरीदी उन्हें भी अपने स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए कहा गया है। अभी तक कंपनी ने अपने 1 हजार 662 कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाया है और उन्हें क्वॉरंटीन कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि कोरोना वायरस आईसक्रीम में इसलिए जीवित रह गया क्योंकि यह काफी ठंडी होती है। उनके मुताबिक, किसी संक्रमित व्यक्ति से ही आईसक्रीम तक कोरोना पहुंचा है। यूनिवर्सिटी आॅफ लीड्स के एक वायरोलॉजिस्ट डॉ. स्टीफन ग्रिफिन ने स्काई न्यूज को बताया कि आईसक्रीम में संक्रमण पहुंचने से घबराने की जरूरत नहीं है। संभव है कि यह किसी संक्रमित व्यक्ति से आया हो। शुरूआती जांच के मुताबिक, कंपनी ने न्यूजीलैंड से मंगाए मिल्क पाउडर और यूक्रेन से आयात किए वे पाउडर का इस्तेमाल कर आईसक्रीम बनाई थी।
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