नई दिल्ली। इनदिनों उत्तर भारत समेत दुनिया के पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड पर रही है. ऐसे में हमें गर्मी की याद सताने लगी है. अक्सर गर्मि...
नई दिल्ली। इनदिनों उत्तर भारत समेत दुनिया के पहाड़ी इलाकों में कड़ाके की ठंड पर रही है. ऐसे में हमें गर्मी की याद सताने लगी है. अक्सर गर्मियों के दिनों में हम बहुत परेशान हो जाते हैं और फिर हमें दोबारा से सर्दी की याद आने लगती है. आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया का सबसे गर्म स्थान माना जाता है. जहां इतनी गर्मी पड़ती है कि वाहनों के टायर मोम की तरह पिछल जाते हैं. आज हम आपको दुनिया की ऐसी ही कुछ जगहों से रूबरू कराएंगे जो पृथ्वी पर सबसे अधिक गर्म मानी जाती हैं.
पृथ्वी के बढ़ते तापमान ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. पृथ्वी का तापमान लगातार धीरे-धीरे बढ़ रहा है, वहीं बारिश की कमी ने और बुरे हालात पैदा कर दिए हैं. हमारे देश को तापमान की वजह से भले ही गर्म माना जाता हो, लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी भी जगह हैं जहां का तापमान इतना होता है कि गाड़ियों को टायर तक पिघल जाते हैं. आज हम आपको दुनिया की ऐसी ही कुछ जगहों से रूबरू कराएंगे जो पृथ्वी पर सबसे अधिक गर्म मानी जाती हैं.
डेथ वैली, अमेरिका
कैलिफोर्निया के मोजेव रेगिस्तान में स्थित डेथ वैली उत्तरी अमेरिका के सबसे सूखे और गर्म इलाकों में से है. समुद्र के स्तर से काफी नीचे होने के कारण यहां बहुत गर्मी पड़ती है. जुलाई 1913 में यहां का तापमान 56.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो अब तक का रिकॉर्ड तापमान है. यहां का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस रहता है.
फ्लेमिंग माउंटेन, शिनजियांग, चीन
चीन के शिनजियांग में तियान शान पहाड़ों की श्रृंखला में आने वाले फ्लेमिंग माउंटेन को भी गर्म इलाकों में शुमार किया जाता है. साल 2008 में यहां पर समुद्रीतल का तापमान 66.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. उस साल धरती पर नापा गया ये सबसे ज्यादा तापमान था.
क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया को दुनिया का सबसे शुष्क महाद्वीप कहा जाता है. ‘बैडलैंड्स’ के नाम से मशहूर यहां क्वींसलैंड आउटबैक एक बड़ा रेगिस्तान है. साल 2003 में भयंकर सूखा पड़ी थी. उस वक्त यहां का तापमान 69.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.
दश्त-ए-लूट, ईरान
दश्त-ए-लूट को धरती का सबसे गर्म स्थान कहा जाता है. साल 2004 में यहां का तापमान 70 डिग्री और 2005 में 70.7 डिग्री तक पहुंच गया था. दश्त-ए-लूट के ज्यादातर हिस्से में इतनी गर्मी पड़ती है कि यहां किसी जीव-जंतु के लिए रहना संभव नहीं है।
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