इंदौर। स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चार बार नंबर वन रहे इंदौर में शुक्रवार को एक शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई। नगर निगम के कर्मचारी बूढ़...
इंदौर। स्वच्छता रैंकिंग में लगातार चार बार नंबर वन रहे इंदौर में शुक्रवार को एक शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आई। नगर निगम के कर्मचारी बूढ़े भिखारियों को एक डंपर में मवेशियों की तरह भरकर शहर के बाहर छोड़ आए। लोगों ने कर्मचारियों की इस हरकत का विरोध किया तो उन्होंने बुजुर्गों को वापस डंपर में बैठाया। हालांकि, अभी ये नहीं साफ हुआ है कि इन बुजुर्गों को कहां ले जाया गया है। कर्मचारी बुजुर्ग भिखारियों को इंदौर-देवास सीमा पर शिप्रा नदी के पास छोड़कर जा रहे थे। कई बुजुर्ग चल-फिर भी नहीं सकते थे। वो गाड़ी में एक के ऊपर एक लदे हुए थे। वहां मौजूद लोगों ने इस अमानवीय हरकत का विरोध किया तो कर्मचारी घबरा गए। जब ये खबर सुर्खियों में आई तो निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने रैन बसेरा के दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया।
कांग्रेस ने पूछा- क्या यही आपका सुशासन है?
इस कार्रवाई पर ही बात नहीं रुकी। इस घटना को लेकर शिवराज सरकार पर सवाल उठने लगे। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी और नरेंद्र सलूजा ने पूछा कि क्या यही आपका सुशासन है। सलूजा ने कहा कि अधिकारी भाजपा की विचारधारा पर काम कर रहे हैं।
निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी निलंबित
इंदौर की घटना पर सरकार की किरकिरी होती देख मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बचाव के लिए सामने आना पड़ा। उन्होंने मामले की जानकारी लेने के बाद निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को निलंबित करने के निर्देश दे दिए। सोलंकी को नगरीय विकास संचालनालय भोपाल अटैच कर दिया गया।
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