नई दिल्ली। क्या आप जानते है कि शरीर की अपनी एक प्राकतिक गंध होती है। जिसको परफ्यूम या पसीने से नहीं छुपाया जा सकता है। इसी गंध की मदद से एक...
नई दिल्ली। क्या आप जानते है कि शरीर की अपनी एक प्राकतिक गंध होती है। जिसको परफ्यूम या पसीने से नहीं छुपाया जा सकता है। इसी गंध की मदद से एक इंसान, दूसरे इंसान के आसपास होने को भांप लेता है। इस बात की पुष्टि यूनिवर्सिटी आॅफ लंदन के वैज्ञानिकों वे स्वयं की है। उनके अनुसार इंसान सचमुच विपरीत लिंग के सदस्य की मौजूदगी गंध से पहचानते हैं।
- ताजा शोध इंसानी फैरोमॉन की मौजूदगी की धारणा को मजबूत करता है। माना यह जाता है कि पुरुषों के पसीने और वीर्य में मौजूद एंड्रोस्टेडिनॉन नामक रसायन और महिलाओं के मूत्र में मौजूद एस्ट्राटेट्रेनॉल नामक रसायन विपरीत लिंगी को आकर्षित करते हैं।
- जवानी में जीवधारियों के शरीर में ऐसे स्नव निकलते हैं जो बाद में बनते ही नहीं हैं। यह शरीर में समाई अतिरिक्त ऊर्जा, उत्साह और कई नई शारीरिक क्रियाओं की देन होती है। मानव के अलावा अन्य जीवों में तो यह गंध विपरीत लिंग को आकर्षित करने के लिए खासतौर से निकलती है।
- शोध के दौरान उन मांओं को चुना गया जिनका कुछ ही समय पहला प्रसव हुआ हो। उनके सामने नन्हे बच्चों के कुछ कपड़े लाकर रख दिए गए, इससे पहले उन्हें उनके खुद के ही बच्चे के कपड़े की गंध सुंघाई गई। बाद में कई सारे कपड़ों में से उन्हें अपने बच्चे की गंध वाला कपड़ा बिना देखे सूंघकर पहचानना था।
- इस गंध के नथुने में पहुंचते ही महिलाओं को अजब अनुभूति होती है। कई महिलाओं में रोमांच यहां तक हो गया कि उनके शरीर के रोंगटे खड़े हो गए। कुछ का शरीर ही कंपन में आ गया और उनकी बांहें अपने बच्चे को लेने के लिए मचल उठीं।
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