अबेर न्यूज़। हमारे देश में ट्रेन का लेट होना आम बात मानी जाती हैै . लेकिन जापान में ऐसा बिल्कुल नहीं है . जापान की ट्रेनों के समय को लेकर ...
अबेर न्यूज़। हमारे देश में ट्रेन का लेट होना आम बात मानी जाती हैै. लेकिन जापान में ऐसा बिल्कुल नहीं है. जापान की ट्रेनों के समय को लेकर कई बातें बताई जाती हैं. कहा जाता है कि जापान के लोग ट्रेनों के आने जाने से अपनी घड़ियों का समय मिलाते हैं. हालांकि जापान में भी कई बार तकनीकी गड़बड़ी के चलते ट्रेन लेट हो जाती हैं.
जो ना तो घंटों में होती है और ना ही मिनटों, बल्कि कुछ सेकंड में ही होता है. बताया जाता है कि जापान की बुलेट ट्रेन शिन्कासेन का रिकॉर्ड है कि वह कभी 36 सेकंड से ज्यादा लेट नहीं हुई. ट्रेनों के सही समय पर चलने के पीछे रेलवे की तकनीकी और स्टाफ की काम के प्रति प्रतिबद्धता बताई जाती है.
ट्रेन के लेट होने पर मिलता है प्रमाणपत्र
जापान के लोग समय के बहुत पाबंद होते हैं. हर डिपार्टमेंट में एक मिनट की देरी को भी गंभीरता से लिया जाता है. चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट. कभी ऐसा भी होता है कि कोई ट्रेन कुछ सेकंड लेट हो जाती है, तो अगले स्टेशन पर उनकी दूसरी ट्रेन छूट जाती है. इसलिए वे और ज्यादा लेट हो जाते हैं. इसके लिए जापान रेलवे यात्रियों को सर्टिफिकेट देता है.
यात्रियों से अफसर मांगते हैं माफी
ट्रेन के देरी होने पर हमारे देश में रेलवे के अधिकारी भले ही सफाई देते हों, लेकिन जापान के रेलवे के अधिकारी ट्रेन के लेट होने पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हैं. द गार्जियन की खबर के मुताबिक पिछले साल नवंबर में टोक्यो और राजधानी के उत्तरी इलाके को आपस में जोड़ने वाली सुकुबा एक्सप्रेस लाइन पर एक ट्रेन 9:44:40 के बजाए 9:44:20 बजे खुल गई।
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