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राहुल गांधी ने की चंपारन त्रासदी की बात, अंग्रेज कम्पनी से की मोदी मित्र कंपनी की तुलना

नई दिल्ली। देशभर में किसान पिछले काफी दिनों से नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांध...


नई दिल्ली। देशभर में किसान पिछले काफी दिनों से नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चंपारण त्रासदी को याद करते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि देश में फिर से गुलाम भारत जैसी स्थितियां हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि देश के किसान चंपारण त्रासदी जैसी स्थिति झेलने जा रहे हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, "देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है. तब अंग्रेज कम्पनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कम्पनी बहादुर हैं. लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मज़दूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा.

बता दें कि देश में जब अंग्रेजों का शासन था तो बिहार के उत्तरी हिस्से में नेपाल से सटे चंपारण इलाके में किसानों से जबरन नील की खेती करवाई जाती थी. अंग्रेजों ने इसके लिए बागान मालिकों को जमीन की ठेकेदारी दे रखी थी. तब अंग्रेजों ने तीन कठिया प्रणाली लागू कर रखी थी. इसके तहत किसानों को तीन कट्ठे में नील की खेती करनी उनकी मजबूरी होती थी.

साल 1917 में इस जुल्म के खिलाफ महात्मा गांधी ने आंदोलन चलाया था. ये  पहला सविनय अवज्ञा आंदोलन था. इसे चंपारण सत्याग्रह भी कहा जाता है. राहुल गांधी ने उसी चंपारण त्रासदी की तुलना आज के किसान आंदोलन से की है.

दो दिन पहले भी नववर्ष के मौके पर भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि वो अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले किसानों के साथ हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर उन्होंंने अपनी ट्वीट मेें लिखा था, "मैं दिल से सम्मान के साथ अन्याय से लड़ने वाले किसानों और मजदूरों के साथ हूं. सभी को नया साल मुबारक हो."।

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