नई दिल्ली। चीन का कहना है कि नए साल में उसके संबंध एकबार फिर सुधर सकते हैं. चीन ने उम्मीद जताई है कि वह अमेरिका से संबंधों सुधारने में तत्प...
नई दिल्ली। चीन का कहना है कि नए साल में उसके संबंध एकबार फिर सुधर सकते हैं. चीन ने उम्मीद जताई है कि वह अमेरिका से संबंधों सुधारने में तत्पर है. इससे पहले अमेरिका के नए नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कह चुके है कि वह चीन से संबंधों को सुधारने के लिए तैयार हैं. चीन और अमेरिका नए साल में द्विपक्षीय संबंधों में एक उम्मीद की नई किरण देख रहे हैं. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उन्होंने वाशिंगटन से बातचीत के माध्यम से विवादों को हल करने का आग्रह किया है.
एक इंटरव्यू में वांग ने कहा “हमारी अमेरिकी नीति निरंतरता और स्थिरता बनाए रखेगी और हम चीन-अमेरिका रिश्तों को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच विवादों का कारण चीन पर अमेरिका की पूरी तरह से गलत नीतियां जिम्मेदार थीं.
व्यापार और प्रौद्योगिकी से लेकर हांगकांग और कोविड -19 महामारी तक कई मुद्दों पर ट्रंप के रहते विवाद हुआ. एक रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ चीनी राजनयिक ने एक साक्षात्कार के दौरान टिप्पणी की कि विश्व की दोनों महाशक्तियों के बीच संबंध एक नए चौराहे तक पहुंच गए हैं और भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों में अभूतपूर्व सुधार आ सकते हैं.
गुरुवार को द न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने तीन चीनी दूरसंचार कंपनियों, चाइना टेलीकॉम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, चाइना मोबाइल लिमिटेड और चाइना यूनिकॉम (हांगकांग) लिमिटेड की डिलिस्टिंग सिक्योरिटीज की प्रक्रिया शुरू की. नवंबर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी कंपनियों में अमेरिकी निवेशों को रोकने के लिए एक एक्सिक्यूटिव आर्डर जारी किया गया था. अमेरिका का कहना था कि चीनी कंपनियां सेना के स्वामित्व या नियंत्रण में हैं।
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