नई दिल्ली। एक फरवरी2021 को आगामी बजट में सरकार L I C में अपनी 10 से 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा कर सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार सूत...
नई दिल्ली। एक फरवरी2021 को आगामी बजट में सरकार L I C में अपनी 10 से 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा कर सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि सरकारी कंपनियों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए सरकार इन संस्थाओं निजीकरण की तैयारी में है. सरकार पहले भी इसके संकेत दे चुकी है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हो गई थी।
सरकार अब हिस्सेदारी बेचने का काम तेज करना चाहती है. कोरोना वायरस महामारी से देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा और यह सबसे निचले स्तर पर आ गई. ऐसे में सरकार के सामने विकल्प है कि वह कमाई बढ़ाने के लिए इन कंपनियों की हिस्सेदारी बेचेगी.
रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि सरकार को L I C में हिस्सेदारी बेचने के लिए एक संसदीय कानून में बदलाव करना होगा. कानून में बदलाव करने के लिए सरकार को संसद की मंजूरी प्राप्त करनी होगी. वर्तमान में L I C 400 अरब डॉलर से ज्यादा फंड मैनेजमेंट कर रही है.
हालांकि सरकार ने L I C में शेयर हिस्सेदारी बेचने का ऐलान पिछले साल किया था. L I C के अलावा सरकार IDBI Bank , सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक में भी अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है.
आगामी बजट में मोदी सरकार चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी में है. बजट में सरकार कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल आइटम और आॅटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है, जो ज्यादातर चीन से आयात किये जाते हैं.
सरकार स्थानीय विनिर्माण (local manufacturing) को बढ़ावा देने और गैर-आवश्यक आयातों (non-essential imports) पर अंकुश लगाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहती है. यह बढ़ोतरी देश के वार्षिक आयात (वित्त वर्ष 2020 में 475 बिलियन डॉलर) के एक छोटे से हिस्से को कवर कर सकता है।
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