अबेर न्यूज़ लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले मे कहा है कि रिट क्षेत्रधिकार (संविधान के अनुच्छेद 226) के तहत उच्च न्य...
अबेर न्यूज़ लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले मे कहा है कि रिट क्षेत्रधिकार (संविधान के अनुच्छेद 226) के तहत उच्च न्यायालय किसी कानून को किसी विशेष तरीके से बनाए जाने का निर्देश जारी नहीं कर सकता है।
न्यायालय ने इस विधि व्यवस्था के साथ यूपी की तरह धर्मांतरण सम्बंधी कानून बनाने पर गौर करने का निर्देश केंद्र को देने की जनहित याचिका को शुरुआती सुनवाई पर ही खारिज कर दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायामूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने हिन्दू पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष अशोक पांडेय की जनहित याचिका पर सुनाया। याचिका मे उत्तर प्रदेश की तर्ज पर, धर्मांतरण को विनियमित करने वाले बनाए गए कानून की तरह का कानून बनाने पर विचार करने का निर्देश केंद्र सरकार को देने का आग्रह किया गया था।
याची का कहना था कि इस तरह का कानून केंद्र सरकार को बनाना चाहिए जो देश भर में लागू हो। उधर, केंद्र सरकार के वकील भी पेश हुए। कोर्ट ने फैसले में इस सम्बन्ध में उच्चतम न्यायालय की कई नजीरों का हवाला देकर कहा कि हाईकोर्ट किसी कानून को किसी विशेष तरीके से बनाए जाने का निर्देश जारी नहीं कर सकता है। साथ ही याचिका को शुरुआती सुनवाई पर खारिज कर दिया।
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