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बीजेपी एमपी पर बड़ा आरोप:विजय बघेल ने धान बेचने के लिए 13 एकड़ बढ़ाया खेत का रकबा, चुनावी शपथपत्र में केवल 3 एकड़ जमीन

रायपुर। धान खरीदी विवाद के बीच कांग्रेस ने भाजपा से दुर्ग के सांसद विजय बघेल पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा गया, विजय बघेल ने पिछले तीन चुनावों म...


रायपुर।
धान खरीदी विवाद के बीच कांग्रेस ने भाजपा से दुर्ग के सांसद विजय बघेल पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा गया, विजय बघेल ने पिछले तीन चुनावों में शपथपत्र देते समय अपने परिवार के नाम कुल कृषि भूमि का रकबा करीब 3 एकड़ बताया था। लेकिन 2500 रुपया प्रति क्विंटल दाम पाने के लिए उन्होंने 16.95 एकड़ जमीन का धान बेचा है। कांग्रेस नेताओं ने इसके दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, लोकसभा अध्यक्ष और राष्ट्रपति को अपनी शिकायत भेजी है। कांग्रेस नेता आरपी सिंह ने दस्तावेज जारी करते हुए बताया, 2008 के विधानसभा चुनाव में विजय बघेल ने नामांकन के समय दिए शपथपत्र में उरला गांव में 1.35 हेक्टेयर और जंजगिरी में 0.708 हेक्टेयर खेितहर जमीन होना स्वीकार किया था। 2013 के विधानसभा चुनाव के शपथपत्र में भी इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ। 3 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के नामांकन के लिए दिए शपथपत्र में भी उन्होंने यही जानकारी भरी
लेकिन इससे पहले वे वर्ष 2018-19 के खरीफ सत्र में 253.6 क्विंटल धान बेच चुके थे। जिसके लिए उन्होंने धान का रकबा 6.86 हेक्टेयर यानी 16.95 एकड़ बताया था। 2018-19 की धान खरीदी 31 जनवरी तक पूरी हो चुकी थी। इससे साफ है कि विजय बघेल ने चुनाव आयोग से अपनी संपत्ति की जानकारी छुपाकर झूठ बोला है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा, सांसद विजय बघेल अगर धान खरीदी के पंजीयन में सच बोल रहे हैं यानी उनके पास 16 एकड़ खेत है तो उन्होंने नामांकन शपथपत्र में गलत जानकारी दी है। अगर ऐसा है तो लोक प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक उनका नामांकन रद्द कर उन पर वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के पतोरा के सरपंच और कांग्रेस जोन कमेटी के अध्यक्ष अश्वनी साहू ने इन तथ्यों के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को शिकायत भेजकर विजय बघेल की संसद सदस्यता रद्द करने और उन्हें भविष्य में चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबंधित करने की मांग की है। शिकायत की प्रतिलिपि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी भेजी गई है।
-दाम बढ़ा तो बढ़ गया रकबा
कांग्रेस की ओर से जारी दस्तावेजों के मुताबिक विजय कुमार पिता नम्मूलाल ने औंधी स्थित धान खरीदी केंद्र में धान बेचा है। 2017-18 में 3.33 एकड़ खेत से उन्होंने 49.6 क्विंटल धान बेचकर 76880 रुपए पाए थे। 2018-19 में कांग्रेस की सरकार बन गई और धान के दाम 2500 रुपया प्रति क्विंटल मिलने लगा। उस साल विजय बघेल के खेत रकबा बढ़कर 16.95 एकड़ हो गया। इसमें उन्होंने 519880 रुपए का 253.6 क्विंटल धान बेचा। 2019-20 में उतने ही खेत में उन्होंने 253.6 क्विंटल धान बेचा। किसान न्याय योजना की राशि छोड़कर 462132 रुपए का मूल्य पाया। 2020-21 में विजय बघेल के खाते से 16.65 एकड़ खेत से 249.2 क्विंटल धान बेचकर 465505 रुपए का भुगतान पा चुके हैं।
-अतिरिक्त राशि सरेंडर की भी मांग
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख और पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, भाजपा सांसद विजय बघेल ने शपथपत्र में घोषित कृषि भूमि के अतिरिक्त जमीन दिखाकर किसानों का हक मारा है। उन्होंने समर्थन मूल्य पर धान बेचा और राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी फायदा उठाया है। त्रिवेदी ने उनको अतिरिक्त कृषि भूमि की धान बिक्री से जो बोनस और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मदद मिली है उसे शासकीय कोष में सरेंडर करने की मांग की है।
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