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जिले के 3679 किसान धान बेचने से वंचित, किसान नेता की अगुवाई में प्रभावित कलेक्टर को सौपेंगे ज्ञापन

बेमेतरा। शासन से निर्धारित समयसीमा 31 जनवरी को जिले में धान खरीदी बन्द कर दी गई। श्री तिवारी ने बताया कि नोडल कार्यालय से मिली जानकारी के अ...


बेमेतरा।
शासन से निर्धारित समयसीमा 31 जनवरी को जिले में धान खरीदी बन्द कर दी गई। श्री तिवारी ने बताया कि नोडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार तय समयसीमा में जिले के पंजीकृत 3679 किसानों ने समिति में धान नहीं बेचा है। इस संबंध में सहायक नोडल अधिकारी अरविंद वर्मा ने बताया कि इन किसानों ने समिति में धान बेचने टोकन नहीं लिया है, इसलिए सम्बंधित किसानों ने समिति में धान नहीं बेचा है। इसके विपरीत किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा की सैकड़ों ऐसे किसान हंै, जो टोकन लेने समिति तो पहुंचे लेकिन समयसीमा का हवाला देकर बेरंग लौटा दिया गया। अब जिले के 3 हजार से अधिक किसान धान नहीं बेच पाए हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के हर किसान से दाना-दाना धान खरीदने के दावे बेमानी नजर आते हंै। यहां राज्य सरकार किसान हितैषी होने का दावा कर वाहवाही लूटने में लगी हुई है, लेकिन धरातल पर परिस्थितियां इसके विपरीत हंै। पूरे खरीदी सत्र के दौरान किसानों को धान बेचने के लिए टोकन प्राप्ति, बारदाना संकट, रिकॉर्ड दुरुस्त करने समेत अन्य समस्याओं से जूझना पड़ा, नतीजतन खरीदी कई बार बाधित हुई।
-वंचित किसानों के साथ, कलेक्टर को सौपेंगे ज्ञापन
बारदाना संकट के कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। मजबूरन किसानों को दोगुना-तिगुना दाम पर बारदाना खरीदकर, समितियों में धान बेचना पड़ा है। किसान को अपने बारदाना में धान बेचने के कारण प्रति एकड़ पर करीब 1 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। अब हजारो किसान धान बेचने से वंचित हो गए हैं, ऐसे किसानों के साथ कलेक्टर शिव अनंत तायल को ज्ञापन सौंप खरीदी समयसीमा एक सप्ताह बढ़ाने की मांग की जाएगी। ताकि वंचित किसान भी अपना धान बेच सकें। किसान नेता योगेश तिवारी ने बताया कि 3 फरवरी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। वंचित किसान कलेक्टोरेट के पास बीटीआई ग्राउंड में इकट्ठा होंगे। इसके बाद रैली की शक्ल में कलेक्टोरेट पहुचकर ज्ञापन सौपेंगे।
-छोटे किसान धान बेचने से हुए वंचित
किसान नेता योगेश तिवारी के अनुसार टोकन वितरण के दौरान जिम्मेदारों ने मनमानी की और रसूखदार किसानों को प्राथमिकता देते हुए, उन्हें पहले टोकन जारी किया गया। नतीजतन समयसीमा पूरी होने पर, तीन हजार से अधिक छोटे किसान धान नही बेच पाए है। जो टोकन मिलने के साथ अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
जिले में एक लाख 26 हजार पंजीकृत किसान, 5 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी
नोडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले पंजीकृत किसान एक लाख 30 हजार 180 व रकबा एक लाख 62 हजार हेक्टेयर है। तय समयसीमा 31 जनवरी तक जिले में एक लाख 26 हजार 501 किसानों ने धान बेचा है। पंजीकृत रकबा एक लाख 60 हजार 970 हेक्टेयर पर 5 लाख 87 हजार 608 मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।

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