abernews अबेर न्यूज। केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों के लिए लाए गए तीनों कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर अभी भी किसान जुटे हुए हैं ...
abernews अबेर न्यूज। केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों के लिए लाए गए तीनों कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर अभी भी किसान जुटे हुए हैं और लगातार वह इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इसी के चलते भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा ब्यान देते हुए कहा है कि वह इस बार 4 लाख ट्रेक्टरों के साथ नहीं ब्लकि 40 लाख ट्रैक्टरों से साथ रैली करेंगे। जिसपर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जवाब देते हुए कहा है कि- ''भारत सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। कई बार चचार्एँ हो चुकी हैं, अगर उनके पास अब भी उठने का कोई मुद्दा है, तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं''।
बता दें कि राजस्थान के सीकर में एक किसान रैली के दौरान राकेश टिकैत ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा- ''हमारा अगला आह्वान संसद के लिए मार्च होगा। अगर खेत कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो हम इस बार न कि केवल 4 लाख ट्रैक्टर, बल्कि 40 लाख ट्रैक्टर वहां जाएंगे।'' इसी के साथ उन्होंने किसानों से तैयार रहने को कहा क्योंकि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है।
टिकैत ने रैली में हुंकार भरते हुए कहा- 'कान खोल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे। अबकी बार आह्वान संसद का होगा। कहकर जाएंगे संसद पर। इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।' टिकैत ने कहा कि किसान इंडिया गेट के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा। साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा।
26 जनवरी की घटना पर टिकैत बोले, 'घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई ... देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं।' टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की तरफ से खुली चुनौती है कि सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए और एमएसपी लागू नहीं की तो बड़ी-बड़ी कंपनियों के गोदाम को ध्वस्त करने का काम भी देश का किसान करेगा। इसके लिए संयुक्त मोर्चा जल्द तारीख भी बताएगा।
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