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abernews.राजनांदगांव। पल्स पोलियो अभियान के तहत शून्य से पांच वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों को पोलियो की खुराक देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरुप 31 जनवरी से एक फरवरी तक जिले के 96.4 प्रतिशत बच्चों को पोलियो ड्राप्स पिलाया जा चुका है। यह अभियान पूरे जिले में चलाया जा रहा है।
दो बूंद हर बार, पोलियो पर जीत रहे बरकरार नारे के साथ जिले में 31 जनवरी से 2 फरवरी तक चलाए जा रहे पल्स पोलियो अभियान के अंतर्गत शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है। यह अभियान राजनांदगांव कलेक्टर टी.के. वर्मा के निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बी.एल. कुमरे के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। अभियान के प्रथम दिन निर्धारित 1365 बूथों पर शून्य से पांच वर्ष तक के अधिक से अधिक बच्चों को पोलियो की खुराक देने का प्रयास किया गया।
छूटे हुए बच्चों को घर-घर जाकर पिलाया गया पोलियो ड्राप्स
इसके बाद छूटे हुए बच्चों को 1 व 2 फरवरी को घर-घर जाकर पोलियो की खुराक दी गई। इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया, “बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर उन्हें पोलियो होने से बचाया जा सकता है, इसी उद्देश्य के साथ 31 जनवरी से 2 फरवरी तक जिले में पल्स पोलियो अभियान चलाया गया है। दो दिन के प्राप्त आंकड़ों के तहत जिले के 96.4 प्रतिशत बच्चों को पोलियो की खुराक दी जा चुकी है। अभियान के तहत जिले में 1,613 गांवों के लगभग 2.13 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए निर्धारित 1,365 बूथों के लिए 3,414 स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, कोटवार, प्रशिक्षु महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा नर्सिंग व पैरामेडिकल छात्र शामिल हैं।“ वहीं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बी.एल. कुमरे ने बताया, “सभी ब्लाक के गांवों के अलावा बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन में पोलियो बूथ बनाने के साथ-साथ ट्रांजिट टीमों के द्वारा निर्माणाधीन क्षेत्र, खदानों, ईंट भट्ठा, स्लम एरिया, पहुंचविहीन क्षेत्रों व बाजार आदि क्षेत्र में छूटे हुए बच्चों को 38 ट्रांजिट टीमों तथा 18 मोबाइल टीमों के माध्यम पोलियो की दवा पिलाने का प्रयास किया गया। डॉ. कुमरे ने बताया, राजनांदगांव शहरी क्षेत्र में सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को पोलियो बूथ बनाकर बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। अभियान के प्रथम दिवस बूथ में पोलियो की दवा पिलाई गई तथा इसके पश्चात एक व दो फरवरी को सभी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का प्रयास किया गया। साथ ही दीवार पर मार्किंग भी की गई। पल्स पोलियो अभियान में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन किया गया।“
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