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ट्विटर को टक्कर दे रहा है ये इंडियन App Koo , इसमें अब रेल मंत्री पीयूष गोयल भी जुडे और कहा " अब मैं भी koo पर हूं."

abernews मेड इन-इंडिया ऐप Koo (Made In India App Koo) को यूएस माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. रेल...


abernews मेड इन-इंडिया ऐप Koo (Made In India App Koo) को यूएस माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल भी इस देसी ऐप में एंट्री कर ली है. ट्विटर पर उन्होंने कहा " अब मैं भी koo पर हूं." देश के रेल मंत्री इसको लेकर खासे उत्साहित हैं.उन्होंने कहा "exciting और exclusive अपडेट के लिए इस इंडियन माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर मेरे साथ जुड़ें."

उन्होंने कहा "आइए हम Koo पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करें.'' एक रिपोर्ट के अनुसार Koo की निर्माता कंपनी ने कहा ''इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री (MeitY) और कुछ अन्य सरकारी विभागों ने देशी माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Koo पर ट्विटर पर कुछ ट्वीट्स और खातों को ब्लॉक करने के सरकार के निर्देश का अनुपालन नहीं करने के कारण खाते स्थापित किए हैं.

 

Koo को बेंगलुरु स्थित एक स्टार्टअप द्वारा शुरू किया गया था, जिसे भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के पूर्व छात्र, अप्रमेय राधाकृष्ण (Aprameya Radhakrishna) द्वारा स्थापित किया गया है. ऐप को 10 महीने पहले मार्च 2020 में लॉन्च किया गया था. Koo ऐप को Google play store और iOS ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इसे वेब ऐप से भी एक्सेस किया जा सकता है. सभी उपयोगकर्ताओं को एक वैध फोन नंबर की आवश्यकता होती है, जिस पर Koo पहली बार रजिस्ट्रेशन के लिए OTP भेजता है.Koo ने भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज जीता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी एक मन की बात मासिक रेडियो वार्ता में भारतीयों को Koo का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, Koo पर देश के शीर्ष सरकारी कार्यालयों ने प्रवेश किया है. इसके शुरुआती यूजर्स में सद्गुरु, आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले जैसे व्यक्तित्व हैं.

Koo ने कहा कि वह अब तक MeitY, MyGov, Digital India, India Post, National Informatics Center (NIC), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (NIELIT), कॉमन सर्विसेज सेंटर, UMANG ऐप, डिजी लॉकर, नेशनल के वैरिफाइड हैंडल हैं.

भारत का इंटरनेट एक्सचेंज (NIXI), सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स (CBIC), भी इस पर मौजूद हैं. Koo कई भारतीय भाषाओं का समर्थन करता है. Koo के सीईओ अप्रमी राधाकृष्ण ने पुष्टि की कि ऐप भाषा की प्राथमिकता के बावजूद प्रत्येक भारतीय के लिए विचारों और विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को सक्षम बनाता है.

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