संत ने कहा- छत्तीसगढ़ के स्कूलों में होना चाहिए आध्यात्म और नैतिकता का भी अध्ययन रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार सुबह नवा रायप...
संत ने कहा- छत्तीसगढ़ के स्कूलों में होना चाहिए आध्यात्म और नैतिकता का भी अध्ययन
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार सुबह नवा रायपुर के जैनम मानस भवन में पहुंचकर जैन संत आचार्य महाश्रमण का आशीर्वाद लिया। इस दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा, यहां के शिक्षा संस्थानों में अध्यात्म और नैतिकता जैसे विषयों का अध्ययन भी चलता रहना चाहिए । इससे विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ उनका बौद्धिक, भावनात्मक और मानसिक विकास भी होगा।
आचार्य महाश्रमण ने कहा, छत्तीसगढ़ में शांति रहे, यहां भौतिक विकास के साथ-साथ लोगों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास भी होता रहे। शिक्षा संस्थानों में अध्यात्म और नैतिकता जैसे विषयों का अध्ययन चलता रहना चाहिए। जिससे विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ उनका बौद्धिक, भावनात्मक और मानसिक विकास भी हो। उनमें ईमानदारी जैसे सदगुण रहें। यही विद्यार्थी आगे चलकर देश के अच्छे नागरिक साबित होंगे।
छत्तीसगढ़ की धरती पर आचार्य श्री महाश्रमण के चरण पड़ना हमारा सौभाग्य: बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमारा परम सौभाग्य है कि आचार्य श्री महाश्रमण जी के चरण छत्तीसगढ़ की धरती पर पड़े। छत्तीसगढ़ को सदैव आचार्य महाश्रमण जी जैसे महात्माओं ने संस्कारित किया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है। यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है। आपके संदेश हमें सचेत करते रहेंगे कि बदलते हुए परिवेश में हमें अपने सद्गुणों को और भी अधिक मजबूती के साथ धारण करना होगा।
-दो देशों और 19 राज्यों की पदयात्रा कर चुके आचार्य
जैन संत आचार्य महाश्रमण पिछले सात वर्षों से शांति, सद्भाव, नशा मुक्ति और अहिंसा का प्रचार करने के लिए अहिंसा पदयात्रा कर रहे हैं। इन वर्षों में उन्होंने पैदल ही नेपाल, भूटान और भारत के 19 राज्यों की यात्रा की है। इस यात्रा के एक पड़ाव के तौर पर वे पहली बार रायपुर पहुंचे हैं। यहां उनकी पदयात्रा का 50 हजार किलोमीटर का पड़ाव हुआ है। उनका सान्निध्य पाने के लिए जैन समाज उनका मयार्दा महोत्सव मना रहा है। इसका आयोजन रायपुर हवाई अड्डे के पास जैनम मानस भवन में हुआ है।
-नक्सलियों के शांतिमार्ग पर लौटने की उम्मीद जताई
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हमारे यहां नक्सल घटनाएं घटित हुई हैं। आचार्य श्री महाश्रमण जी ने बस्तर से प्रवेश कर रायपुर तक की लम्बी यात्रा में शांति और सद्भाव का संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई, इन संदेशों और आचार्य जी के व्यक्तित्व का प्रभाव उन लोगों पर भी पड़ेगा और वे शांति के मार्ग पर लौटेंगे।
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