अबेर न्यूज। abernews . दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया का हाल ही में छत्तीसगढ़ का एक गुप्त दौरा हुआ है। वे रायपुर से करीब 25 किमी की द...
अबेर न्यूज। abernews . दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया का हाल ही में छत्तीसगढ़ का एक गुप्त दौरा हुआ है। वे रायपुर से करीब 25 किमी की दूर स्थित अछोटी स्थित अभ्युदय संस्थान के आश्रम में दो दिन बिताकर चुपचाप दिल्ली चले गए। वे यहां दिल्ली SCERT के 68 प्राध्यापकों के साथ जीवन विद्या प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने आए थे। उनके इस प्रवास की जानकारी पूरी तरह छिपाकर रखी गई।
अभ्युदय संस्थान से जुड़े कृषि वैज्ञानिक डॉ. संकेत ठाकुर ने बताया, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया इस संस्थान के साथ पिछले 15 वर्षों से जुड़े हुए हैं। उन्हीं की कोशिशों से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में चेतना विकास मूल्य शिक्षा अब हैप्पीनेस करिकुलम के रूप में पढ़ाई जा रही है। यह करिकुलम, अभ्युदय संस्थान व अभिभावक विद्यालय के प्रयासों से ही तैयार किया गया था।
डॉ. ठाकुर ने कहा, दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में जो भारी परिवर्तन सुनने को मिलता है, उसकी जड़ें छत्तीसगढ़ से ही जुड़ी हुई हैं। उन्होंने बताया, वर्ष 2015 में दिल्ली प्रदेश शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों ने मनीष सिसोदिया के साथ यहां जीवन विद्या शिविर किया था। उसके बाद एक वर्ष के भीतर दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 25 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। इसी आधार पर हैप्पीनेस करिकुलम अब नियमित रूप से दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है।
प्राध्यापकों के साथ ही रहे मनीष
बताया गया, शिविर के दौरान दिल्ली के उप मुख्यमंत्री दूसरे प्राध्यापकों के साथ ही रहे। संस्थान में रहकर प्रबोधक सोम त्यागी को सुनते रहे। कोई भाषणबाजी नहीं हुई। शिक्षकों के साथ चर्चा में शामिल रहे। उन्हीं के साथ लाइन में खड़े होकर भोजन किया और अपना जूठा बर्तन भी साफ किया। इस दौरान जीवन विद्या के प्रवर्तक ए. नागराज पुत्री डॉ. शारदा शर्मा ने उन्हें शिक्षा के मानवीयकरण के सतत प्रयासों के लिए सम्मानित भी किया।
वरिष्ठ अधिकारी भी आए थे साथ
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के साथ दिल्ली शिक्षा विभाग के निदेशक उदित प्रकाश रॉय और दिल्ली SCERT के निदेशक अनिल तेवतिया भी आए थे। दोनों अधिकारियों ने शिविर में पूरा समय बिताया। रायपुर के VIP रोड स्थित अभिभावक विद्यालय में 2 घंटे सघन चर्चा के बाद अनिल तेवतिया ने कहा, दिल्ली के स्कूलों को अभिभावक विद्यालय की तरह विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
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