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प्रदेश की कांग्रेस सरकार विशेष संरक्षित जनजाति समूहों के संरक्षण में असफल

 प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से विशेष संरक्षित जनजातियों के अनाचार व शोषण की घटनाएं बढ़ी रायपुर।  भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प...


 प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से विशेष संरक्षित जनजातियों के अनाचार व शोषण की घटनाएं बढ़ी


रायपुर।  भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रदेश में आदिवासियों पर अनाचार व शोषण की बढ़ती घटनाओं पर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र समझे जाने वाले संरक्षित जनजाति समूहों के संरक्षण में अक्षम साबित हो रही है।  उन्होंने कांग्रेस की प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के बाद से संरक्षित जनजातियों पर अनाचार, अत्याचार व शोषण की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। प्रदेश की सरकार आदिवासियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आदिवासियों के शोषण की स्थिति ऐसे हो गई है कि प्रदेश के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री भी अपने प्रभार जिले में विशेष संरक्षित जनजातियों को भूमिहीन करने से नहीं चूक रहे हैं। विगत दिनों में हुए घटनाओं का उल्लेख करते हुए अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल से गुहार लगाते हुए कहा है कि विशेष संरक्षित जनजाति समूहों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार को कड़ा निर्देश जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने घटनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था इतनी लचर हो गई है कि विगत दिनों कोरबा जिला में पहाड़ी कोरवा जनजाति समाज की एक नाबालिग बेटी के साथ 6 लोगों द्वारा गैंगरेप किया जाता है, फिर उस बच्ची को तथा उसके  4 साल की मासूम बहन और उसके पिता की हत्या कर दिया जाता है।  यह घटना सिर्फ बलात्कार या हत्या नहीं है बल्कि हैवानियत की इंतेहा है।
दूसरी घटना कवर्धा जेल की
 दूसरी घटना कवर्धा जेल में ही जहां बैगा जनजाति समाज का एक विचारधीन कैदी जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेता है,इस घटना से प्रदेश के जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह उठना स्वाभाविक है।
तीसरी घटना जशपुर जिले की
तीसरी घटना जशपुर जिले की है जहां के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत पर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कोरवा जनजाति के लोगों के द्वारा 25 एकड़ जमीन अपने पुत्र आशीष भगत के नाम से छल कपट कर  हथिया लेने का मामला सामने आया है।  जहाँ एक ओर सरकारे संविधान के निदेर्शानुसार संरक्षित जनजाति समूहों को भूमिहीन होने से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर उनका संरक्षण करती है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री इन संरक्षित जनजातियों को भूमिहीन करने के षड्यंत्र में शामिल है
चौथी घटना जिसमें भूख से बेहोश मिली बच्चियां
चौथी घटना जशपुर जिले की ही है जहां पर प्रदेश के कांग्रेस सरकार के गड़बो नवा छत्तीसगढ़ बड़े-बड़े दावों की पोल खुलती है। इस घटना में दो मासूम पहाड़ी कोरवा बच्चियां, जिनके घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं है, वो बच्चियां अपना भूख शांत करने के लिए शराब बनाने के बाद बचा हुआ सड़ा चावल खाकर खेत में बेहोश मिलती है।  इस घटना से समझा जा सकता है कि कैसे प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद से आदिवासी समाज दाने दाने के लिए मोहताज हो रहीं है।

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