रायपुर । शराब के मामले में सदन में आज जमकर हंगामा हुआ। नारायण चंदेल ने शराब से हुई बिक्री की राशि प्लेसमेंट एजेंसी की तरफ से नहीं जमा करान...
रायपुर । शराब के मामले में सदन में आज जमकर हंगामा हुआ। नारायण चंदेल ने शराब से हुई बिक्री की राशि प्लेसमेंट एजेंसी की तरफ से नहीं जमा कराने को लेकर सरकार से सवाल पूछा। जवाब में आबकारी मंत्री ने कहा कि महासमुंद में 5 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि जमा नहीं करायी गयी है। ये राशि वित्तीय वर्ष 2018-19 की है, जो यस बैंक प्रबंधन की लापरवाही की वजह से नहीं जमा करायी गयी है।
मंत्री कवासी लखमा के इस जवाब के बाद नारायण चंदेल ने ये कहकर सरकार को घेरा कि जब प्रदेश में इतने राष्ट्रीयकृत बैंक हैं तो फिर प्राइवेट बैंकों में क्यों पैसा जमा कराया जा रहा है। यही नहीं सरकार के को ऑपरेटिव बैंक में भी पैसा जमा कराया जा सकता था, लेकिन यस बैंक में ही क्यों पैसा जमा कराया गया। जवाब में कवासी लखमा ने कहा कि यस बैंक सरकार के बैंकों की सूची में शामिल है और यस बैंक में पैसा जमा कराने की शुरुआत तत्कालीन भाजपा सरकार ने ही किया था। यस बैंक को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है, लेकिन बैंक की तरफ से कोर्ट में जाने की वजह से मामले का निराकरण नहीं हो पाया है। बैंक की गारंटी राशि जमा है, ऐसे में अगर निराकरण नहीं किया गया, तो उस राशि से पैसा काट लिया जायेगा।
यस बैंक कभी भी नो बैंक हो जायेगा
गरमा गरम बहस के बीच धर्मजीत सिंह ने कवासी लखमा से सवाल पूछा कि यस बैंक से इतनी हमदर्दी क्यों है। उन्होंने कहा कि ये जो यस बैंक है ना कभी भी, नो बैंक हो जायेगा। .ये उसी तरह जो एसीबीसी टाइप बैंक है न, उसी तरह का बैंक है, क्यों नहीं नेशनलाइज्ड बैंक पैसा जमा करते हैं, ऐसा भी शराब ही प्रदेश का सबसे बड़ा आय का माध्यम है।
प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक पर कार्रवाई की मांग
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जब भी कोई गड़बड़ी प्लेसमेंट एजेंसी की तरफ से की जाती है तो कर्मचारी पर कार्रवाई की जाती है, क्यों नहीं प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक पर कार्रवाई होती है। प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक पर भी कार्रवाई की जाती है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार अपने ही खजाने को चूना लगाने का काम कर रही है। इस मामले में सरकार की तरफ से आये उत्तर से नाराज होकर बीजेपी विधायकों ने वाकआउट कर दिया।
रविंद्र चौबे के आग्रह पर विपक्ष सवाल पूछने को राजी
मंगलवार को सदन में छत्तीसगढ़ में बढ़े अपराध को लेकर शुरू हुआ हंगामे का असर प्रश्नकाल के शुरुआती मिनटों में बना रहा। मंगलवार को स्थगन प्रस्ताव की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को बोलने का मौका नहीं दिये जाने का विरोध जताते हुए प्रश्नकाल शुरू होते ही अजय चंद्राकर ने सदन में खड़े होकर कह दिया कि कल सदन में नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया गया इसलिए इसे अपमान मानते हुए विपक्ष आज सदन में कोई सवाल नहीं पूछेगा। अजय चंद्राकर ने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष और सदन के नेता का नाम पर कभी चर्चा के लिए लिखकर नहीं दिया जाता है, वो कभी भी बोल सकते हैं, लेकिन स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया गया, ये सदन का अपमान है, आज के पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है, इसलिए हम आज सदन में मौजूद जरूर रहेंगे, लेकिन सवाल नहीं पूछेंगे। विपक्ष के रूख के बाद संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ये मानवीय त्रुटि की वजह से हुआ है, नेता प्रतिपक्ष का सम्मान हमेशा से रहा है, नेता प्रतिपक्ष पूर्व में आसंदी पर भी रह चुके हैं, इसलिए उनका सम्मान और भी बढ़ जाता है, इसलिए कुछ त्रुटिवश ऐसा हो गया है, कल जो हुआ, वो परंपरा का हिस्सा नहीं होगा, इसलिए विपक्ष से आग्रह है कि वो सवाल पूछे, आगे ऐसी परंपरा नहीं होगी। संसदीय कार्यमंत्री का आश्वासन के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि अगर संसदीय कार्यमंत्री आश्वासन देते हैं तो फिर विपक्ष सदन में हिस्सा लेगा। जिसके बाद प्रश्नकाल शुरू हो पाया।
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