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मणिपुर का युवक साइकिल से कर रहा देश भ्रमण, जरूरतमंदों को करा रहा भोजन

कोविड महामारी के दौरान मार्च से अब तक हजारों लोगों की कर चुके हैं मदद रायपुर। मार्च 2020 के अंत में कोविड 19 महामारी के प्रसार को रोकने के ल...

कोविड महामारी के दौरान मार्च से अब तक हजारों लोगों की कर चुके हैं मदद

रायपुर। मार्च 2020 के अंत में कोविड 19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिये देश तालाबंदी में चला गया था । अचानक की गई घोषणा से लाखों लोगों का रोजगार चला गया था तथा इससे समाज का सबसे कमजोर वर्ग अधिक प्रभावित हुआ । ऐसे हताशा के समय में जरूरतमंदों को मदद करने के लिये लोग अपने - अपने तरीके से सामने आए। इसी में 25 वर्षीय मणिपुर के साइकिल चालक फिलेम रोहन सिंह उनमें से एक हैंै जो जरूरमंदों की मदद क लिए आगे आए ओर मार्च से अभी तक जरूरतमंदों की निरंतर मदद कर रहे हैं । फिलेम पहले से ही दान देने और मानवीय कार्यों के प्रति गतिशील थे तथा लॉकडाउन के बाद उन्होंने अपने दोस्तों को साथ मिलाया । उनकी टीम ने ऐसे लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करना शुरू किया जिन्हें बिना संसाधनों के छोड़ दिया गया था । इस समय इंफाल में औसतन 40 से 50 जरूरतमंदों को भोजन खिला रहे हैं । यह समूह अपने खुद के पैसे से तथा कुछ दान प्राप्त करके यह कार्य कर रहा है । इसी के साथ फिलेम ' साइक्लिंग फॉर ह्यूमैनिटी ' टी शर्ट बेचकर कुछ आय भी अर्जित कर रहे हैं । देश भर में अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिये फिलेम ने जागरूकता लाने और धन जुटाने के लिये पूरे भारत में एक साइकिल अभियान शुरू किया है । इस अभियान को वे लगभग 1 साल से चला रहे हैं । शुरूआत में उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बेघरों की मदद करना शुरू किया था । इस समय वे एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां उन्हें अपने मिशन को चलाने के लिए दूसरों के समर्थन की आवश्यकता है ।
लोगों की मदद करने जुटा रहे धन
अपनी यात्रा के दौरान फिलेम ने कहा कि वह जरूरतमंदों के लिये धन जुटाने हेतु विभिन्न शहरों में अधिक से अधिक राजनेताओं , संगठनों तथा आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं । उनके पास ' साइक्लिंग फॉर ह्यूमैनिटी ' टी - शर्ट भी हैं जिन्हें कोई भी खरीद सकता है । अपनी साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने ये टी - शर्ट बेचने की योजना बनाई है । मार्च के बाद से इम्फाल के इमा मार्केट में जरूरतमंदों को खाना खिलाने वाले फिलेम ने बताया कि वे और उनकी टीम इस कार्य के लिये अपनी ओर से लगभग रु . 4000 की राशि प्रतिदिन खर्च कर रहे हैं । उन्होंने यह भी कहा कि सड़क पर मिलने वाले बेघरों की कोई निश्चित संख्या नहीं है । कभी - कभी यह 10-15 रहते हैं तो कभी 100 से अधिक भी हो जाते हैं । हर दिन वे 40 से 50 लोगों के लिए भोजन तैयार करवाते हैं । एक भोजन की कीमत लगभग 100 रुपए आती है ।
आॅनलाइन धन उगाहने का अभियान
 फिलेम ने आॅनलाइन धन उगाहने हेतु एक शिविर का भी शुभारंभ किया है जिसका उद्देश्य 10 लाख रुपये जुटाना है । इस अभियान में उन्हें अब तक अच्छी प्रतिक्रिया मिली है । कुछ योगदान मिला है तथा कुछ लोगों ने एक दिन के भोजन आदि को प्रायोजित किया है । फिलेम कहते हैं कि वे किसी भी नए शहर में स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करेंगे जहां वे छात्रों के साथ बातचीत कर सकते हैं । लेकिन स्कूल - कॉलेज बंद होने की वजह से यह मुश्किल होने वाला है । फिलेम ने कहा कि इस मिशन के साथ वे लगभग दो महीने तक सड़क पर रहेंगे । इस दौरान उनकी अनुपस्थिति में समूह के अन्य लोग जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं ।

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