कोलकाता। आईआईएम-कलकत्ता में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर अंजू सेठ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के ...
कोलकाता। आईआईएम-कलकत्ता में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर अंजू सेठ के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के मुताबिक अंजू सेठ ने मामले में सीधे सरकार को पत्र लिखा। उन पर बाकी फैकल्टी के साथ सहयोग न करने के अलावा दूसरे आरोप भी लगाए गए हैं। 20 फरवरी को बोर्ड द्वारा बुलाई गई एक विशेष बैठक में, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर के रूप में सेठ के व्यवहार की जांच करने का प्रस्ताव पारित किया। मामले में संबंधित सभी दस्तावेजों को इक_ा करने के आदेश दिए गए थे। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने कहा कि इसे जल्द से जल्द पेश किया जाए। माना जा रहा है कि आज यह रिपोर्ट बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में पेश की जाएगी। बता दें कि आईआईएम डायरेक्टर और चेयरमैन के बीच इस तरह का यह पहला मामला है। आईआईएम इतिहास में आज तक इससे पहले ऐसा नहीं हुआ था। बता दें कि सेठ के खिलाफ ये प्रस्ताव नए आईआईएम कानून के लागू होने के बाद इस तरह का पहला प्रस्ताव है। यह साफ नहीं है कि इस प्रस्ताव से सेठ के खिलाफ जांच का रास्ता खुलेगा या नहीं। आईआईएम के डायरेक्टर और चेयरमैन दोनों ने शुक्रवार को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। नए आईआईएम कानून के तहत, डायरेक्टर को बिना जांच के बोर्ड द्वारा उनके पद से हटाया नहीं जा सकता है। कानून के तहत डायरेक्टर को उनके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में बताया जाना चाहिए और सुनवाई का उचित अवसर दिया जाना चाहिए। घटना ने सबका ध्यान तब खींचा जब डायरेक्टर सेठ ने चेयरमैन को एक पत्र लिखा। साथ ही एक दूसरा पत्र उन्होंने इस महीने की शुरुआत में शिक्षा मंत्रालय को सीधे भेजा था। इससे पहले 23 फरवरी को द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया था, सेठ ने सरकार को लिखे अपने पत्र में चेयरमैन पर उनकी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
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