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कटासराज मंदिर से क्या है भगवान भोलेनाथ और पांडवों का संबंध, और वर्तमान स्थिति

abernews अबेर न्यूज़ । सनातन सभ्यता में कटास राज मंदिर का अपना विशिष्ट स्थान है, इस मंदिर के साथ हिंन्दुओ का प्राचीन संबंध है, इस मंदिर में ...


abernews अबेर न्यूज़सनातन सभ्यता में कटास राज मंदिर का अपना विशिष्ट स्थान है, इस मंदिर के साथ हिंन्दुओ का प्राचीन संबंध है, इस मंदिर में स्थित कुंड भगवान भोलेनाथ के आंसुओं से बना है कहा जाता है कि जब मां सती ने प्रजापति दक्ष के यहां शरीर त्याग दिया, तब भगवान शिव उन के दु:ख में इतना रोए कि उनके आंसुओं से दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर नामक तीर्थ पर है और दूसरा यहां कटासराज मंदिर में बना।
वर्तमान में यह मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त के चकवाल जिले में है, कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है।

इस मंदिर का संबंध पांडवों से भी है। महाभारत काल में पांडव बनवास के दिनों में इन्ही पहाड़ियों में अज्ञातवास में रहे। यहीं वह कुण्ड है जहाँ पांडव प्यास लगने पर पानी की खोज में पहुंचे थे। इस कुण्ड पर यक्ष का अधिकार था सर्वप्रथम नकुल पानी लेने गया जब पानी पीने लगा तो यक्ष ने आवाज दी की इस पानी पर उसका अधिकार है पीने की चेष्टा मत करो अगर पानी लेना है तो पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो लेकिन वह उसके प्रश्नों का उत्तर न दे सका और पानी पीने लगा। यक्ष ने उसको मूर्छित कर दिया ठीक इसी प्रकार सहदेव, अर्जुन व भीम चारों भाई एक एक करके पानी लेने गये लेकिन कोई भी यक्ष के प्रश्नों का उत्तर न दे सका और फिर भी पानी लेने का प्रयास किया यक्ष ने चारों भाइयों को मूर्छित कर दिया अंत में चारों भाइयों को खोजते हुए युधिष्ठिर कुण्ड के किनारे पहुंचा और चारों भाइयों को मूर्छित पड़े देखा वह बोला की मेरे भाइयों को किसने मूर्छित किया है वह सामने आये, यक्ष आया और उसने कहा कि इन्होने बिना मेरे प्रश्नों का उत्तर दिए पानी लेना चाहा अत: इनकी यह दुर्दशा हुई अगर तुम ने भी ऐसा व्यवहार किया तो तुम्हारा भी यही हाल होगा।

युधिष्ठिर ने नम्रतापूर्वक कहा की तुम प्रश्न पूछो मैं अपने विवेक से उनका उत्तर दूँगा यक्ष ने कई प्रश्न पूछे उनमे से एक मुख्य प्रश्न था-

कौन प्रसन्न है? आश्चर्य क्या है? मार्ग क्या है? वार्ता क्या है? मेरे चार प्रश्नों का उत्तर दे तो तुम्हारे मृत भाई जीवित हो जायेंगे।

युधिष्ठिर ने उत्तर दिया-

    प्रसन्न : जो व्यक्ति पांचवे छठे दिन घर में स्वादु साग पका ले, जो ऋणी नहीं हो, जो प्रवास में न रहता हो वह प्रसन्न है।
    आश्चर्य : प्रतिदिन प्राणी मृत्यु को प्राप्त होते हैं यह सब देखकर भी संसार के प्राणी हमेशा जीवित रहने की कामना करते हैं इससे बदकर आश्चर्य क्या होगा।
    मार्ग : तर्क प्रतिष्ठित नहीं होता श्रुतियाँ (वेद) विभिन्न हैं कोई एक ऐसा मुनि नहीं जिसकी बात को प्रामाणिक माना जा सके अत: महापुरूष धर्म के विषय में जिस मार्ग का अनुसरण करें सबके लिए वही मार्ग चलने योग्य है।
    वार्ता (समाचार) : महामोह रूपी कड़ाहे में, सूर्य रूपी आग से, रात दिन रूपी (ईंधन) से, मास ऋतु रूपी कड़छी के द्वारा यह काल प्राणियों को भोजन के सामान पका रहा है, यही वार्ता है।

इस प्रकार युधिष्ठिर ने अपने विवेक से यक्ष के सभी प्रश्नों का उत्तर दे दिया और यक्ष ने प्रसन्न होकर पांडवों को जीवित कर दिया तत्पश्चात ये पांडव अपने गंतव्य की और चले गए।

 सुप्रीम कोर्ट ने लगाई पाकिस्तान सरकार को फटकार

हाल ही में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान में हिदुओं के पवित्र स्थानों में से एक कटासराज मंदिर में राम, शिव और हनुमान की मूर्तियां न होने पर नाराजगी जाहिर की है।
अदालत ने कहा कि इस मंदिर में पाकिस्तान और भारत के अलावा दुनियाभर से हिंदू समुदाय के लोग धार्मिक रस्में अदा करने आते हैं। अगर मंदिर में मूर्तियां नहीं होंगी, तो वो पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं के बारे में क्या धारणा बनाएंगे?
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मियां साकिब निसार की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने कटासराज मंदिर की खराब हालत के बारे में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। मीडिया में ये खबरें आई थीं कि उस इलाके में सीमेंट की फैक्ट्रियों की वजह से मंदिर परिसर के अंदर का तालाब सूख रहा है।

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