रायपुर। रायपुर। रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी रह चुके जीआर चंद्राकर पर आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सो...
रायपुर। रायपुर। रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी रह चुके जीआर चंद्राकर पर आर्थिक गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को प्रदर्शन करते हुए इस मामले में जांच की मांग रायपुर के सिटी एसपी लखनलाल पटले से की है। एबीवीपी नेता विभोर सिंह ठाकुर ने बताया कि जीआर चंद्राकर ने रिटायरमेंट से पहले लगभग 73 लाख रुपए 8 स्कूलों को बांटे। यह रकम राइट टू एजुकेशन आरटीई के तहत पढ़ने वाले बच्चों की थी। कुछ स्कूलों को रुपए देने की बजाए रकम स्कूल के संचालक मंडल से जुड़े लोगों के खाते में दी गई। तीन स्कूल ऐसे हैं जो बंद हो चुके हैं। कुछ ऐसे भी स्कूलों को रुपए दे दिए गए जहां आरटीई के तहत बच्चे पढ़ते ही नहीं।
क्या है आरटीई
राज्य सरकार इस योजना के तहत गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में दाखिला दिलवाती है। उनका खर्च वहन करती है। इन बच्चों से जुड़ी फीस और अन्य शुल्क के पैसे स्कूलों को सरकार की तरफ से दिए जाते हैं। एबीवीपी इन्हीं पैसों के बंटवारे में गड़बड़ी के आरोप मढ़ रही है।इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की मांग की जा रही है करीब 2 महीने पहले रिटायर हो चुके हैं और उनकी जगह पर और शिक्षा अधिकारी आए हुए हैं इस मामले की शिकायत मौजूदा शिक्षा अधिकारी से भी की गई और जांच की मांग की जा रही है
सोमवार को एबीईपी ने डीइओ कार्यालय का घेराव किया और जीआर चंद्राकर व जिन खातों में पैसा गया उन सभी खाता धारकों के ऊपर एफआईआर कर कार्यवाही की मांग की गई। मौजूदा डीईओ एएन बंजारा ने जांच का भरोसा दिलाया। इसके बाद पुलिस अधिकारी से भी इस मामले की जांच की मांग की गई। विभोर ने बताया कि तीन दिनों के अंदर कार्यवाही ना होने पर अभाविप ने शिक्षा मंत्री का घेराव व डीईओ कार्यालय में पूर्ण रूप से तालाबंधी करने की चेतावनी दी है।
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