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21 दिन से चल रही स्कूल कॉर्डिनेटर की हड़ताल को मिला आप का साथ

रायपुर। 21 दिनों से मुख्यमंत्री के क्षेत्र पाटन विधानसभा में चल रही स्कूल कोआॅर्डिनेटर कल्याण संघ के हड़ताल का आज आम आदमी पार्टी ने समर्थन कि...


रायपुर। 21 दिनों से मुख्यमंत्री के क्षेत्र पाटन विधानसभा में चल रही स्कूल कोआॅर्डिनेटर कल्याण संघ के हड़ताल का आज आम आदमी पार्टी ने समर्थन किया है। आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने स्वयं पाटन आकर आंदोलनकर्ताओं को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ विज्ञापनों में अरबों रुपए फूंक रही है वहीं स्कूलों में आईसीटी प्रोजेक्ट डीजी के तहत कम्प्यूटर व प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा देने के लिए महती भूमिका निभाने वाले स्कूल कोआॅर्डिनेटर्स को बाहर निकाल दिया गया है, जो कि बेहद निंदनीय है। स्कूल कोआॅर्डिनेटर्स की मांगें जायज हैं, जिनकी मांग सरकार को जल्द पूरा करना चाहिए। कोमल हुपेण्डी ने स्कूल कोआॅर्डिनेटर्स को हर संघर्ष में साथ देने का भरोसा दिलाया। आप यूथ विंग के अध्यक्ष तेजेन्द्र तोड़ेकर ने कहा कि युवाओं को रोजगार दिलाने व स्कूल कोआॅर्डिनेटर्स की नियुक्ति की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी अपनी आवाज बुलंद करेगी। पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष टिकेंद्र वर्मा ने आंदोलन को अपनी मांग पूरी होने तक चलाने का आवाहन किया।  स्कूल कोर्डिनेटर संघ अध्यक्ष विजय वर्मा ने 1 साल से वेतन और काम नहीं मिलने की समस्या को विस्तार से बताया। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ी स्कूल कोआॅर्डिनेटर कल्याण संघ 11 फरवरी से अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं जिसमें आज 3 मार्च  को धरने का 21 वां  दिन था
    स्कूल कोआॅर्डिनेटर आईसीटी प्रोजेक्ट डीजी दुनिया के अंतर्गत शासकीय हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों के कंप्यूटर लैब में कार्यरत कर्मचारी हैं जो छत्तीसगढ़ शासन के समग्र शिक्षा विभाग से अनुबंधित कंपनी बीसीसीएली इडिक्यू साल्युशन के कर्मचारी हैं जो फरवरी 2020 से नियुक्त थे जिनका वेतन 22 मार्च 2020 को करोना का हवाला देकर रोक दिया गया जिन्हे पिछले 10 माह से वेतन  नहीं मिला है,,,
     संघ के अध्यक्ष विजय वर्मा ने बताया कि हमारी छत्तीसगढ़ सरकार से निम्न दो मांगे हैं-  जल्द से जल्द स्कूल कोआॅर्डिनेटर्स को स्कूलों में पुनर नियुक्त किया जाए ताकि वह आॅनलाइन पढ़ाई में अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकें।
 पिछले 10 माह से अप्राप्त वेतन को शासन अपने संज्ञान में लेते हुए आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे स्कूल कोआॅर्डिनेटर्स की बकाया वेतन देकर उनकी मदद करें।

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