कोरबा। कसनिया पुराने बैरियर के निकट मिली डिप्टी रेंजर की लाश की गुत्थी पुलिस पे सुलझा ली है। उसकी हत्या करने के लिए उसकी पत्नी और उसके प्रेम...
कोरबा। कसनिया पुराने बैरियर के निकट मिली डिप्टी रेंजर की लाश की गुत्थी पुलिस पे सुलझा ली है। उसकी हत्या करने के लिए उसकी पत्नी और उसके प्रेमी ने ढाई लाख की सुपारी दी थी। नौकरी, संपत्ति और पैतृक जमीन को हथियाने पत्नी और उसके प्रेमी ने मिलकर डिप्टी रेंजर की हत्या की सुपारी ढाई लाख रुपए में दी थी। देह व्यापार में लिप्त सुपारी लेने वाली महिला ने अपने प्रेमी व अन्य युवकों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं।
-कटघोरा थाना अंतर्गत कसनिया पुराने बैरियर के निकट मिली थी लाश
कटघोरा थाना अंतर्गत कसनिया पुराने बैरियर के निकट डिप्टी रेंजर का शव शनिवार को पड़ा मिला था। उसके कान और मुंह में खून के निशान थे। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर घटना की जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि डिप्टी रेंजर कंचन पाटले कटघोरा वन मंडल अंतर्गत कसनिया में पदस्थ थे। रोज की तरह 13 मार्च को खाना खाकर रात को ड्यूटी के लिए वो निकले थे। लेकिन रात 9 बजे के बाद अचानक उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। परिजनों ने जब उनकी तलाश की तो पुराना बैरियर के पास रोड के बाजू में उनका शव पड़ा हुआ मिला। घटना की जानकारी जैसे ही कटघोरा पुलिस को मिली पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की खोजबीन शुरू की गई। फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क़वाड की मदद से पुलिस ने जांच की कार्रवाई आगे बढ़ाई। इस बीच साइबर टीम को भी लगाया गया। घटनास्थल पर पुलिस को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले जिससे पुलिस को यह मामला हत्या का प्रतीत हुआ। इस आधार पर पुलिस मृतक की पत् नी संतोषी पाटले तथा साढू नरेंद्र टंडन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। साइबर सेल से मृतक पंचराम के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर रखा गया। मृतक का साढू काफी शातिर था और लगातार पुलिस को दिग्भ्रमित कर रहा था।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस के कड़ी पूछताछ के दौरान उसने घटना की जानकारी दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के जबड़े में सांघातिक चोट और अत्यधिक रक्तस्राव साथ ही जहर की वजह से मौत होना पाया गया था। आरोपी नरेंद्र टंडन ने बताया कि कंचराम पाटले अपने बड़े भाई पंचराम की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी लक्ष्मीन बाई को पत्नी बनाया था। उसकी बड़ी पुत्री कुमारी ज्योति (24 वर्ष) मिर्गी रोग से पीडि़त थी। मृतक के साथ ही रहती थी। लक्ष्मी बाई की मृत्यु 10 साल पहले हो गई है। जिसके बाद वह संतोषी बाई को 4 साल पहले चूड़ी पहना कर पत्नी बनाया था। उसके दो बच्चे हैं। आरोपी नरेंद्र संतोषी का जीजा है। मृतक की पत्नी का अपने जीजा के साथ अवैध संबंध था। इसकी जानकारी मृतक को हो गई थी। बताया जा रहा है कि नरेंद्र अपने साढू से पैसे लेकर अपने नाम से ट्रैक्टर खरीद लिया और उसे बाद में मृतक को बिना बताए बेच भी दिया था। संतोषी ने अपने सौतन के जेवरों को ले जाकर अपने जीजा को दे दिए थे। कंचराम डिप्टी रेंजर था, जिसकी वजह से उसकी आय अच्छी थी। साथ ही पैतृक भूमि भी थी। गांव में पक्का मकान था।
मृतक की संपत्ति पर नरेंद्र की नजर थी, उसे संतोषी के साथ मिलकर उसके नौकरी एवं पेंशन तथा पैतृक जमीन को हथियाने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक संतोषी पति से लड़ाई झगड़ा कर नरेंद्र टंडन के पास चली गई। इन दोनों ने अपने मकसद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए राजेश जांगरे उर्फ राजू से संपर्क किया । उन्होंने बिलासपुर में रहने वाली देह व्यापार में लिप्त महिला पूर्णिमा साहू से संपर्क किया। महिला ने अपने प्रेमी कमल कुमार के साथ नरेंद्र टंडन व राजेश से मिलने पहुंचे। पूर्णिमा झाड़-फूंक से उसे मारने के लिए तैयार हो गई। इस काम के लिए उन्हें ढाई लाख रुपए मांगे। योजना के मुताबिक पूर्णिमा ने मृतक का मोबाइल नंबर एवं जहरीला पाउडर की पुडिय़ा लेकर उसकी भतीजी ज्योति के मिर्गी इलाज के लिए बैगा लेकर आने की बात कर कर उससे संपर्क की। बताया जा रहा है कि बिलासपुर निवासी राम कुमार श्रीवास की कार क्रमांक सीजी 10 एडी 8804 में कार मालिक कोनी निवासी राम कुमार सेवक, कमल कुमार धोरी, ऋषि कुमार कौशिक, पूर्णिमा साहू बिलासपुर से कटघोरा के कसनिया पहुंचे। पूर्णिमा ने मोबाइल पर डिप्टी रेंजर कंचराम से संपर्क कर उसे बताया कि वह उसकी भतीजी का इलाज कराने के लिए बैगा लेकर पहुंची है। वह ड्यूटी स्थल से बाहर आकर उसे मिले। कंचराम उसकी बातों में आकर रोड के पास जैसे ही पहुंचा आरोपियों ने उसे बलपूर्वक पकड़कर कार के अंदर बैठाया और उसे जबरदस्ती जहरीला पाउडर घोलकर पिला दिया। कार में उपस्थित अन्य आरोपियों ने उसके नाक व मुंह को दबा दिए। जिसके पश्चात लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर की दूर ले गए और पुराना बैरियर के पास रोड किनारे उसे फेंक दिए। घटना के मास्टरमाइंड नरेंद्र टंडन ने टंगली से मुंह में सांघातिक वार किया।
No comments