रायपुर। प्रदेश में सोमवार से कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरु हो गया। इस चरण में बुजुर्गांे को बैक्सीन लगाई जा रही है। वैक्सीन लगाने के...
रायपुर। प्रदेश में सोमवार से कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरु हो गया। इस चरण में बुजुर्गांे को बैक्सीन लगाई जा रही है। वैक्सीन लगाने के लिए सेंटर भी सुबहसे भीड़ उमड़ पड़ी। जहां भारी अव्यवस्था देखने को मिली। यहां पहला टीका 74 साल के भरत बटाविया ने लगवाया। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से देश में ऐसे हालात बने कि लगा अब हम तो डूब ही जाएंगे, मगर वैक्सीन आने से उम्मीद की नई किरण दिख रही है।
सावधानी अब भी जरूरी है
भरत ने कहा कि मैं सावधानी की आदत नहीं छोडूंगा। अब तक मैं इसी की वजह से सुरक्षित रहा। टीका लगने के बाद भी मैं हाथ धोने, मास्क लगाने और सफाई रखने की ओर ध्यान दूंगा। इनकी पत्नी स्मिता ने बताया कि उम्र की वजह से हमें प्रिकॉशन रखना जरूरी है। हम इस ओर पूरा ध्यान देते हैं। वैक्सीन के आने से खुशी हुई, इसलिए सुबह से ही हम यहां आ गए। शुरू-शुरू में इस बीमारी से हम बेहद डर गए थे। अब डर कम हुआ है लेकिन अपना ध्यान रखना भी जरूरी है।
अव्यवस्था का रहा आलम
सेंटर्स भी भीड़ और अफरा-तफरी का आलम देखकर यही लगा कि काश सरकारी सिस्टम को सुधारने की भी कोई वैक्सीन होती। सभी जगह आम आदमी परेशान हो रहा था। कोविड वैक्सीन सेंटर पर ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई। हर कोई अपनी बारी का इंतजार करते हुए उकता रहा था। सुबह 9 बजे से ही टीकाकरण शुरू होना था। मगर दोपहर 12 बजे तक कोई यह बता पाने की स्थिति में नहीं था कि वैक्सीनेशन कब शुरू होगा। कॉलेज कैंपस की बिल्डिंग में एक हॉल कोरोना वैक्सीनेशल के लिए तय किया गया है। यहां सुबह 9 बजे से लोगों का आना शुरू हो गया था। करीब 30 मिनट तक लोगों के नाम पते नोट होते रहे। जब बारी टीकाकरण की आई तो आॅनलाइन सिस्टम ठप हो गया। ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि जब तक आॅनलाइन सिस्टम मे एंट्री नहीं होगी टीका नहीं लगा सकते। इसके बाद डेढ़ घंटे तक लोग इस खामी के दूर होने का इंतजार करते रहे। रायपुर के फाफाडीह इलाके रहने वाले प्रफुल्ल टांक ने बताया कि मैं अपनी 74 साल की बूढ़ी मां को लेकर आया हूं। वो कितनी देर तक इंतजार करेंगी। टांक ने कहा कि यहां कोई स्पष्ट जानकारी ही नहीं दी जा रही। जो लोग पहले आए हैं उन्हें कोई नंबर जारी करना चाहिए था कि नंबर आने पर वो टीका लगवा सकें तो वो भी यहां नहीं हो रहा है। गंगा यादव ने बताया कि हमारी पर्चियां इधर-उधर कर दी है, काफी देर से हम इंतजार ही करते रहे। टीका लगवाने आए बुजुर्ग सुखदास पात्रे ने बताया कि रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई कुछ नहीं बता रहा भीड़ इतनी है कि पीछे बैठकर इंतजार कर रहा हूं। करीब दो से ढाई घंटे की इसी अव्यवस्था के बाद मेडिकल कॉलेज की टीम ने लोगों नंबर जारी किए। फिर नाम पुकारकर सभी को अलग से बैठाया गया और एक-एक कर टीका लगाना शुरू किया।
79 साल के एसएल जोशी बिना टीका लगाए चले गए
जिला अस्पताल में आए 79 साल के एसएल जोशी ने कहा कि वे सुबह 8.30 बजे से आ गए थे। ढाई घंटे बीत गए मैंने कुछ नहीं खाया। यहां कमरे के अंदर इतनी भीड़ थी कि खड़े रहना मुश्किल हो रहा था। इसलिए मैं बिना वैक्सीन लगाए घर चला गया। सभी लोग कमरे में भीड़ लगा कर खड़े थे। सीनियर सिटीजन के लिए टीकाकरण कर रहे हैं तो कोई प्राथमिकता तो देनी चाहिए न। मगर यहां तो हमें कोई पूछ ही नहीं रहा। सुबह जब हम यहां पर आए तो यहां अस्पताल में सभी एक दूसरे पर टालते रहे, किसी ने कह दिया यहां जाओ किसी ने कहा वहां जाओ। हम भटकते रहे। मेरे घुटनों में दर्द है। मेरी स्थिति अब ये नहीं कि तीन घंटे यहां रहूं फिर इंजेक्शन लगे तो आधे घंट दूसरे कमरे में बैठा रहूं। इसलिए मैं तंगआकर घर चला गया। मेरी आज की पर्ची अगर कल काम आए तो ठीक नहीं तो फिर आउंगा अब क्या कर सकता हूं।
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