बस्तर में बढ़ रही नक्सल गतिविधियों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व...
बस्तर में बढ़ रही नक्सल गतिविधियों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बस्तर में बढ़ते नक्सली वारदातों पर चिंता करते व्यक्त करते हुए कहा कि जब प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री को प्रदेश की सेवा के लिए जनादेश दिया है तो ऐसे विषम परिस्थितियों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनकी पूरी सरकार पॉलिटिकल पर्यटन में व्यस्त हैं और एक तरफ बस्तर में नक्सली हिंसा की घटनाएं चरम पर है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर में जिस तरह से नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर हमला कर साबित कर दिया है कि उन इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी है और पुलिस का सूचना तंत्र पूरी तरह से असफल है। उन्होंने कहा कि केशकाल के पास सड़क निर्माण में लगे वाहनों को आग के हवाले कर नक्सलियों ने एक बार फिर से अपनी विकास विरोधी मंशा हो जाहिर किया है। प्रदेश में लगातार बढ़ते नक्सली घटनाओं के बीच आम लोगों में भय का वातावरण है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि जब परिस्थितियां विषम हो गई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उच्च स्तरीय बैठक लेकर नक्सलियों के खिलाफ कारगर लड़ाई की रणनीति बनाई जानी चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों असम में अपने दिल्ली के आला नेताओं को खुश करने के लिए चुनाव रणनीति बनाने में व्यस्त हंै। उनकी जिम्मेदारी बनती है कि प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़वासियों की चिंता उनकी प्राथमिकता में होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार नक्सली जंगलों से सड़कों की ओर हैं। प्रदेश सरकार की कारगर रणनीति नहीं होने से नक्सली हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। जिस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कोई ठोस पहल नहीं कर रही है। उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में दो वर्षों में लगभग 59 जवान शहीद हुए हैं। करीब हर 12वें दिन एक जवान नक्सली हिंसा में वीरगति को प्राप्त कर लेता है जो बेहद ही चिंताजनक है। वहीं प्रदेश में नक्सली मोर्चे पर तैनात करीब पचास जवान तनाव में आकर आत्महत्या कर लेते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि आखिरकार जवानों की तनाव की वजह क्या है? इस दिशा में क्या किया जा रहा है? इस पर प्रदेश सरकार को गंभीरता से चिंतन करना चाहिए।
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