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उप तहसील बीजापुर का शुभारंभ कार्यक्रम करने पहुंचे पीसीसी चीफ मोहन मरकाम

  प्रतिबंधात्मक आदेश, धारा 144 के नियमों और कोविड प्रोटोकॉल को ताक पर रख कोण्डागांव। वर्तमान में कोरोना वायरस पॉजिटिव प्रकरणों में लगातार व...

 


प्रतिबंधात्मक आदेश, धारा 144 के नियमों और कोविड प्रोटोकॉल को ताक पर रख


कोण्डागांव। वर्तमान में कोरोना वायरस पॉजिटिव प्रकरणों में लगातार वृद्धि होने के फलस्वरूप तथा जिला प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर पूर्व में अधिरोपित प्रतिबंधों व शर्तों का कड़ाई से पालन कराना एवं परिस्थिति अनुरूप युक्तियुक्त प्रतिबंध अधिरोपित किया जाना आवश्यक होने के कारण कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30, 34 सहपठित एपिडेमिक एक्ट 1987 यथासंशोधित 2020 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं। इसके अनुसार जिले में समस्त प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम एवं त्यौहार, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, खेलकूद, मेला, समारोह अथवा अन्य किसी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किया जाना प्रतिबंधित है।
प्रशासन के नियमों को ताक पर रख शासकीय आदेश की अवहेलना अब खुद पी सी सी चीफ मोहन मरकाम कर रहे हंै। ऐसा ही एक मामला जिले के मकड़ी ब्लॉक के उप तहसील बीजापुर के उद्घाटन समारोह से प्रकाश में आया है। जहां कोविड प्रोटोकॉल और धारा 144 के प्रतिबंधात्मक आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए राजनैतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके से मिली तस्वीरों में जिला प्रशासन के कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का साफ उल्लंघन दिखाई पड़ रहा है। बड़ी संख्या में एकत्रित हुए ग्रामीण जनों के साथ ही प्रशासनिक अमला हो या खुद कांग्रेसी जनप्रतिनिधि, सब ने मास्क और गमछे तो धारण किए है किंतु सिर्फ औपचारिकता मात्र के लिए। मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढकने और दो गज की दूरी बनाए रखने की नसीहत देने वाले खुद ही सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखाई दिए। जिला प्रशासन और कांग्रेसी नेताओ के इस गैर जिम्मेदाराना कृत्य पर सवाल उठाते प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि आने वाले समय में यही कांग्रेसी नेता राज्य को फिर महामारी के डेंजर जोन में धकेल देंगे। एक तरफ प्रदेश के आम नागरिक जो दो जून की रोटी की जुगत में न जाने कितनी तकलीफे सहते है फिर भी लॉकडाउन हो या अन्य कोई सख्त प्रतिबंध, वे इनका कड़ाई से पालन करने को बाध्य होते है। क्या यह सारे नियम कायदे कानून केवल आम जनता के लिए हैं?
आज समाज का हर तबका इस महामारी से परेशान है। मेला, होली और अन्य सारे त्यौहार जिससे बाजार में रौनक बनी रहती है अब फीके फीके से हो चले है। व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। फिर भी व्यापारी वर्ग हो या चाहे अन्य कोई वर्ग, प्रशासन को हर मोर्चे पर सहयोग करता रहा है। किंतु जब जिले के कलेक्टर और अन्य अधिकारी ही प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन कर ऐसे राजनैतिक आयोजन का हिस्सा बनेंगे तो रोष उत्पन्न होना स्वाभाविक है। जनप्रतिनिधि का यह सामाजिक दायित्व है की वह एक अच्छा उदाहरण पेश करें। नियमो की धज्जियां उड़ाकर पी सी सी चीफ मोहन मरकाम और जिला कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा जिले की जनता को क्या संदेश देना चाहते है। इस राजनैतिक आयोजन के लिए प्रशासन पर सवालिया निशान लगाते उन्होंने प्रतिबंधात्मक आदेशों की अवहेलना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

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