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कोरोना वारियर्स का दर्द: जब जरूरत थी तो फूल बरसाए अब छीन लिया रोजगार

जब कोरोना फैला था तो प्रदेश में हर व्यक्ति जो सक्षम था उससे काम लिया गया। इसमें नर्स, वार्ड ब्वॉय, आया, सफाई कर्मचारी व अन्य शामिल थे। पीएम ...



जब कोरोना फैला था तो प्रदेश में हर व्यक्ति जो सक्षम था उससे काम लिया गया। इसमें नर्स, वार्ड ब्वॉय, आया, सफाई कर्मचारी व अन्य शामिल थे। पीएम मोदी के कहने पर इन पर फूल भी बरसाए गए, लेकिन काम निकल जाने के बाद इन लोगों को काम से निकाल दिया गया, जिस कारण इनके सामने रोजी-रोटी की चिंता सिर उठाने लगी है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के हर जिले के कोविड केयर सेंटर में किसी ने लैब, किसी ने सफाई तो किसी ने बतौर नर्स और वार्ड ब्वॉय काम किया। मगर अब इन्हें बेरोजगार कर दिया गया है। दुर्ग, बालोद जैसे जिलों से 200 से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया है। ये सभी सरकारी कोविड वार्ड में काम कर रहे थे। इसके विरोध मे शनिवार को कोरोना संविदा कर्मचारी संगठन के बैनर तले कर्मचारियों ने धरना दिया। बूढ़ापारा धरना स्थल पर जमा हुए इन कर्मचारियों ने सरकार से पूछा कि एक तरफ तो मंचों पर बुलाकर इनका सम्मान किया गया। अब उन्हें बेरोजगार कर दिया गया। ये कैसा सम्मान है।
दुर्ग से आई डिकेश्वरी साहू ने बताया कि जुलाई में हमें नियुक्त किया गया। 6 महीने काम करवाने के बाद कह दिया कि अब आपकी जरूरत नहीं। हम पहले से दूसरी जगहों पर मेडिकल स्टाफ का काम कर रहे थे। अब कहीं काम नहीं मिल रहा। अफसर हमसे मिलने, बात करने को तैयार नहीं है। जबकि फिर से कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। दूसरे लोगों की भर्ती भी हो रही है। सेंटर फिर से बनाए जा रहे हैं और हमें काम से निकाल दिया गया। जनवरी से मार्च तक की सैलरी नहीं मिली है। अधिकारी कह देते हैं फंड नहीं है। किसी ने एजुकेशन लोन ले रखा है तो किसी पर परिवार की जिम्मेदारी है।

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