कोरबा। वनमंडल कटघोरा में जंगली जानवरों की आमदरफ्त गर्मी के सीजन में कुछ ज्यादा ही हो गई है। गैर रिहायशी क्षेत्रों में बार-बार इनकी उपस्थिति ...
कोरबा। वनमंडल कटघोरा में जंगली जानवरों की आमदरफ्त गर्मी के सीजन में कुछ ज्यादा ही हो गई है। गैर रिहायशी क्षेत्रों में बार-बार इनकी उपस्थिति से कई तरह के खतरे पैदा हो रहे हैं। पिछले दिनों गेवरा में वर्कशॉप बतारी गांव में एक तेंदुआ ने लोगों को छकाया। एक बार फिर मादा तेंदुआ और उसके दो शावकों को एसईसीएल दीपका के डम्पर वर्कशॉप में देखा गया। भयभीत कर्मियों ने किसी तरह खुद को बचाया। जानकारी देने के बाद वन विभाग ने यहां सुरक्षा बढ़ाई। कोरबा जिले के कटघोरा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत एक पखवाड़े में यह तीसरा मौका रहा जबकि यहां पर जंगली जानवरों की उपस्थिति क्षेत्र विशेष में नजर आई। जानकारी के अनुसार एसईसीएल दीपका क्षेत्र के दीपका विस्तार परियोजना के अंतर्गत जंगली जानवर देखे जाने से कर्मी कुछ देर के लिए पशोपेश में पड़ गए। बताया गया कि इस क्षेत्र में डंपर वर्कशॉप परिसर में सीआईएसफ का जवान अपनी ड्यूटी पर मौजूद था। खाना खाने के दौरान उसकी आंखें तब फटी की फटी रह गई जब उसने कुछ ही दूरी पर दो तेंदुआ के शावक देखे। संभावित खतरे को देखते हुए कर्मी ने आनन-फानन में खुद को गुमटी में बंद कर लिया। बताया गया कि सुरक्षा कर्मी ने गुमटी के झरोखों से तेंदुआ के शावकों की गतिविधियों को उस समय तक देखा जब तक वे यहां से चले नहीं गए। कर्मी के द्वारा इस बारे में एसईसीएल और सीआईएसएफ के अधिकारियों को तत्काल अवगत कराया गया। इस पर उच्च अधिकारी हरकत में आए। बताया गया कि खदान क्षेत्र में खतरे की स्थिति को देखते हुए दो घंटे बाद रात एक बजे वन विभाग के कुछ कर्मी यहां पहुंचे। उनके साथ सुरक्षा के लिहाज से और भी लोग मौजूद थे। शुरुआती स्थिति का जायजा लेने और सुरक्षा की नसीहत देने के साथ यह अमला लौट गया। अगली सुबह 8 बजे वन विभाग की टीम यहां फिर से पहुंची। जिस स्थान पर दो शावकों को देखा गया, वहां तकनीकी आधार पर ट्रेसिंग की गई और निष्कर्ष निकाला गया कि संबंधित पदचिन्ह तेंदुआ के ही हैं। इसके साथ ही जानकारी सार्वजनिक की गई। अगली स्थिति तक इस इलाके में कर्मचारियों को नहीं जाने के लिए कहा गया है। चूंकि इस क्षेत्र में डम्पर वर्कशॉप स्थापित है और सुधार व रखरखाव संबंधी गतिविधियां चलती हैं, इस नाते कर्मचारियों पर खतरे कभी भी हो सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए स्पष्ट किया गया है कि सुरक्षा नियमों पर हर हाल में गंभीरता दिखाई जाए।
मृत्युंजय शर्मा वन परिक्षेत्राधिकारी कटघोरा ने बताया कि एसईसीएल के डम्पर वर्कशॉप के पीछे वाले हिस्से में मादा और उसके दो शावक तेंदुआ के होने की खबर है। इनमें से दो की उपस्थिति एसईसीएल के कर्मी ने देखी थी। वन विभाग की जानकारी में शावकों के साथ मादा भी है। चूंकि वर्कशॉप के पीछे जंगली क्षेत्र है ऐसे में जंगली जानवर रिहायशी क्षेत्र में आने के बजाय जंगल की तरफ लौट जाएंगी। फिर भी जरूरी हिदायत कर्मियों को दी गई है और सतर्क रहने को कहा गया है।
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