जम्मू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया है कि वर्ष 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी को अशां...
जम्मू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दावा किया है कि वर्ष 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वाय बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी को अशांत रखने के लिए पीडीपी नेता वहीद उर रहमान पारा ने कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फें्रस के नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह, उर्फ अल्ताफ फंटूश को पांच करोड़ रुपये दिए थे। पारा को जनवरी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-ताइबा जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के साथ संपर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में जम्मू में एक विशेष अदालत में दायर एक चार्जशीट में ये खुलासा किया था। एनआईए ने आरोप लगाया कि जुलाई 2016 में सेना के साथ मुठभेड़ में मारे गए वानी की मौत के बाद, पारा अल्ताफ अहमद शाह के संपर्क में था, और उसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि था कि कश्मीर घाटी पूरी तरह अशांत रखनी है, वहां पथराव और हिंसात्मक घटनाएं व्यापक पैमाने पर होनी चाहिए। पारा, अपने वकील के माध्यम से, इन आरोपों से इनकार कर रहा है और दावा कर रहा है कि उसे राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अदालत ने पूरक चार्जशीट में नाम न होने पर उसे जमानत दे दी थी। इसके बाद कश्मीर में काउंटर इंटेलिजेंस विंग द्वारा उसे पुन: गिरफ्तार किया गया था, और तब से जेल में है। श्रीनगर में एनआईए अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी।
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