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यह था इतना अमीर अपराधी की करोड़ों रुपए हर साल चाट जाते थे दीमक

नई दिल्ली। दुनियाभर में ऐसे कई अपराधी हुए, जो किसी खास वजहों से लोगों के बीच काफी मशहूर हो गए। कुछ इसी तरह का एक अपराधी था, जो अवैध ड्रग्स क...


नई दिल्ली। दुनियाभर में ऐसे कई अपराधी हुए, जो किसी खास वजहों से लोगों के बीच काफी मशहूर हो गए। कुछ इसी तरह का एक अपराधी था, जो अवैध ड्रग्स का कारोबार करता था। बता दें कि अवैध ड्रग्स का कारोबार इतना पुराना और बड़ा है, जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ड्रग्स माफिया के बारे में बताएंगे, जिसने व्यापार में दिक्कत पैदा करने वाले हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। कहा जाता है कि इस माफिया के पास इतने पैसे थे कि हर साल करोड़ों रुपये चूहे कतर देते थे या फिर दीमक चाट जाते थे। दरअसल, हम ड्रग्स माफिया पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गैविरिया के बारे में बात कर रहे हैं। अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन के एजेंट रहे स्टीव मर्फी ने एक इंटरव्यू में ये कहा था कि पाब्लो एस्कोबार के पास पैसों का अथाह भंडार था। उसने अपने दुश्मनों को मारने के लिए करीब 16 अरब रुपये खर्च कर दिए थे। बता दें कि पूरी दुनिया में पाब्लो को किंग ऑफ कोकेन के तौर पर जाना जाता था। साल 1989 में प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका ने पाब्लो एस्कोबार को दुनिया का सातवां सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया था। उस समय पाब्लो की अनुमानित व्यक्तिगत संपत्ति 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी आज के हिसाब से करीब 1825 अरब रुपये बताई गई थी। इसके अलावा पाब्लों के पास कई लग्जरी गाडिय़ां और दुनिया के कई देशों में सैकड़ों घर थे। पाब्लो एस्कोबार 1970 के दशक में अवैध कारोबार में आया था और बहुत कम समय में ही एक मशहूर माफिया बन गया। उसके ताकत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उसने सरकार पर दबाव बनाकर अपने लिए खास जेल खुद ही तैयार कराई थी। उसने यह शर्त रखी थी कि जेल के कुछ किलोमीटर तक पुलिस नहीं आ सकती है। पाब्लो से जुड़ा एक किस्सा काफी मशहूर है। साल 1986 में पाब्लो ने कोलंबिया की राजनीति में प्रवेश करने का प्रयास किया था। इसके लिए उसने देश के 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 750 अरब रुपये के राष्ट्रीय कर्ज को चुका देने की पेशकश रखी थी। इसके अलावा एक किस्सा ये भी है कि एक बार पाब्लो को सफर के दौरान रास्ते में ठंडी लगने लगी। ऐसे में उसने गर्मी के लिए दो मिलियन डॉलर यानी करीब 15 करोड़ रुपये की नकदी ही जला दी। पाब्लो एस्कोबार के भाई रॉबर्टो एस्कोबार के मुताबिक, सिर्फ रुपयों की गड्डियों को बांधने के लिए वो हर हफ्ते 1000 डॉलर का रबर बैंड खरीदता था। कोलंबिया के सरकारी कर्मचारियों के प्रति पाब्लो ने केवल एक ही उसूल अपना रखा था, या तो रिश्वत लो या फिर गोली खाओ। ऐसे में उसने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। पाब्लो के वजह से कोलंबिया दुनिया का मर्डर कैपिटल बन गया था। देश में निरंतर संघर्ष के चलते हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। भले ही पाब्लो एस्कोबार कोलंबियाई सरकार और अमेरिका के लिए जहां एक दुश्मन था, लेकिन कोलंबिया के शहर मेडेलिन में वह रॉबिन हुड की भूमिका में था। वह आवास परियोजनाओं और अन्य सार्वजनिक गतिविधियों के माध्यम से अक्सर गरीबों में पैसे बांटता रहता था। मेडेलिन के गरीब लोगों के लिए वह किसी नायक से कम नहीं था। पाब्लो के पास 800 से ज्यादा मकान थे। उसके पास 6500 वर्ग फीट का बंगला अमेरिका में था, जो फ्लोरिडा के मियामी बीच पर स्थित था। इतना ही नहीं उसने कैरिबियन में आइला ग्रांदे नाम का कोरल द्वीप खरीद लिया था। एक समय ऐसा था कि अमेरिका में सप्लाई होने वाले कोकीन के 80 फीसदी हिस्से पर पाब्लो का कंट्रोल था। 2 दिसंबर 1993 को पाब्लो एस्कोबार को कोलंबिया पुलिस ने मार गिराया गया था। लेकिन मौत से पहले उसने पुलिस और सैनिकों को खूब छकाया था। पाब्लो ने कोलंबिया में भीषण आतंक मचा रखा था। कार उड़ाना या किसी बड़े नेता की जान लेना उसके लिए मामूली बात हो गई थी। उसका सपना था कि वो कोलंबिया का राष्ट्रपति बने।

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