रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाथी की मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं शिकारी तो कहीं खेत में फैले करंट से हाथियों की जान जा रही ...
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाथी की मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं शिकारी तो कहीं खेत में फैले करंट से हाथियों की जान जा रही है और वन विभाग इस पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। सरगुजा में होली के दिन एक हाथी के बच्चे का सड़ी-गली हालत में शव मिला है। शव पर घाव के निशान हैं और उसके दोनों दांत भी गायब थे। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि उसके दांत काटकर ले जाए गए हैं। ऐसे में हाथी के बच्चे की हत्या करने की आशंका है। वहीं सूचना मिलने के दो दिन बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया है। हालांकि उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक, मैनपाट के लालिया गांव से लगे धरमजयगढ़ वन मंडल में चरवाहे जंगल में मवेशी चराने गए थे। वन क्षेत्र के पहाड़ी के किनारे खाई के पास तेज बदबू आने पर वहां पहुंचे तो देखा कि हाथी के बच्चे का शव पड़ा हुआ है। इस पर उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों को दी। हालांकि होली की छुट्टी होने के कारण कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा। अगले दिन डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया।
वन विभाग के अफसर बोले- पहाड़ी से खाई में गिरा होगा
हाथी के बच्चे की उम्र करीब 4 साल बताई जा रही है। रेंजर फेकू राम चौबे ने हाथी के बच्चे के गिरकर मौत होने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि हो सकता है कि पहाड़ी से हाथी का बच्चा खाई में गिर गया हो। इसके कारण चोट लगने से उसकी मौत हुई है। बताया जा रहा है कि गोसनी हाथी का दल पिछले तीन-चार माह से वहां विचरण कर रहा है। उसमें 9 हाथी शामिल हैं। वह मैनपाट और धरमजयगढ़ में ही विचरण करते हैं।
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