जगदलपुर। टाइगर रिजर्व एरिया में एक नहीं बल्कि करीब दस से ज्यादा बाघ घूम रहे हैं। इन दस बाघों में से पांच की तस्वीरें ट्रेप कैमरे में भी कैद...
जगदलपुर। टाइगर रिजर्व एरिया में एक नहीं बल्कि करीब दस से ज्यादा बाघ घूम रहे हैं। इन दस बाघों में से पांच की तस्वीरें ट्रेप कैमरे में भी कैद हो गई है। यही नहीं बाकी बाघों के मल के नमूनों को भी देहादून स्थित फारेंसिक लैब ने ओके रिपोर्ट दे दी है। यह पहला मौका है जब इंद्रावती टाइगर रिजर्व से बाघ की तस्वीरें बाहर आई हैं। इससे पहले इंद्रावती टाइगर रिजर्व में बाघों की मौजूदगी की जानकारी उनके पद चिन्हों, मल और बाघ के छोड़े हुए शिकार से ही मिलती थी, लेकिन हाल ही में टाइगर रिजर्व एरिया में अफसरों ने कैमरे लगाने का काम किया था। यह पूरा काम गोपनीय तरीके से किया गया था। इस बीच वर्ष 2020 में मार्च की 3 तारीख को फिर वर्ष 2020 में सितंबर की 30 तारीख की रात को और 11 मई 2020 की दोपहर को, 12 दिसंबर 2020 की रात 8 बजे और 3 मार्च 2021 की रात को अलग-अलग ट्रेप कैमरों में अलग-अलग बाघ कैद हुए हैं। इस पूरे मामले में खास बात यह है कि बाघों के ट्रेप होने की जानकारी नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को भी है एनटीसीए के अफसरों ने बाघों के होने की स्वीकृति भी दे दी है। इस मामले को पिछले एक साल से सिर्फ बाघों की सुरक्षा के लिहाज से सार्वजनिक नहीं किया जा रहा था। अफसरों का कहना है कि बाघों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है ऐसे में हमने इसे सार्वजनिक नहीं किया था।
एक बाघ दुर्लभ
इंद्रावती टाइगर रिजर्व एरिया में बाघों के मौजूद होने के अलावा एक और बड़ी खुशखबरी भी है। यहां मौजूद बाघों में से एक बाघ छोटे कद का है और हेल्दी है। अभी तक इस तरह का बौना मोटा बाघ भारत में ट्रेस नहीं हुआ है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के अफसरों ने स्थानीय टाइगर रिजर्व के अफसरों को बताया कि प्रथम दृष्टि यह बाघ किसी विशेष प्रजाति का लग रहा है। इस प्रजाति का बाघ अभी तक भारत में ट्रेस नहीं हुआ है। ऐसे में अब इस विशेष प्रजाति के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।
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