Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

- Advertisement - Ads " alt="" />" alt="" />

विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर सुकुलधर कर रहे कृषि कार्य

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कृषकों के उत्थान के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इन योजनाओं का लाभ लेकर कृषक उन्नतशील खेती कर ...



रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा कृषकों के उत्थान के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, इन योजनाओं का लाभ लेकर कृषक उन्नतशील खेती कर रहे हैं। इसी कड़ी में सुकमा जिले के विकासखण्ड छिन्दगढ़ के ग्राम पाकेला पेदापारा निवासी कृषक सुकुलधर नाग ने आधुनिक कृषि तकनीक और विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर समृद्धि की ओर बढ़े। प्रति वर्ष अपने 4 एकड़ कृषि भूमि में धान लगाने के अलावा अपने घर की बाड़ी से आमदनी कमा रहे हैं।
डेढ़ एकड़ बाड़ी में करते हैं मिश्रित खेती
कृषक सुकुलधर ने बताया कि अपने डेढ़ एकड़ बाड़ी में हर साल धान की फसल के अलावा अलग-अलग फसल लेते हैं, पिछले तीन चार वर्षों से उन्होंने केले की फसल ली, वहीं पिछले साल बुट्टा (मक्का) और इस वर्ष मूंग की फसल ले रहे हैं। इसके अलावा वे मिर्ची, बैंगन, टमाटर आदि साग सब्जी भी लगाते हैं। डेढ़ एकड़ बाड़ी के साथ ही सुकुलधर के पास छोटी डबरी भी है, जिसमें वे मछली पालन करते है। वहीं घर के मवेशियों और मुर्गियां भी उनके अतिरिक्त आय का स्त्रोत है। उन्होंने सिंचाई सुविधा के लिए कृषि विभाग से अनुदान पर विद्युत पंप बोर एवं क्रेडा विभाग से सौर सुजला योजना से सोलर पंप के साथ ड्रीप सिंचाई स्थापित कराया है। सुकुलधर की बाड़ी में करीब 15 आम के पेड़ हैं, जिससे उन्हें सालाना 20 हजार तक की आय होती है। वहीं चार नारियल के पेड़ भी है, नारियल को वह स्थानीय बाजार और दुकानों में विक्रय कर लगभग 10 से 15 हजार कमाते है। हर सप्ताह शनिवार के दिन स्थानीय बाजार में अपनी बाड़ी में उगाई साग सब्जी बेचकर वे अच्छी आमदनी प्राप्त कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि बाड़ी से वे हर वर्ष 40 से 50 हजार की अतिरिक्त आय अर्जित कर लेते है।

गोधन न्याय योजना से हुए प्रोत्साहित
कृषक सुकुलधर ने बताया कि उनके पास करीब 10 गाय है। गोधन न्याय योजना प्रारंभ होने से पूर्व वे घर के मवेशियों का गोबर का प्रयोग कण्डे के रूप में किया करते थे। जिससे उनको कोई खास आय नहीं होती थी। फिर राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना अंतर्गत पाकेला गोठान से उन्होंने लगभग 50 किलो वर्मी कम्पोस्ट क्रय कर उसका उपयोग बाड़ी में किया जिससे भूमि की उर्वरता क्षमता में सुधार हुआ और फसलों की अच्छी पैदावार होने लगी। इससे प्रभावित होकर स्वयं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण करने लगे एवं स्वयं के कृषि कार्य हेतु इस खाद का उपयोग किया। जिससे फसलों की लागत में कमी हुई साथ ही मिट्टी की दशा में सुधार हो रहा है। स्वयं द्वारा उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर सुकुलधर ने अपनी बाड़ी में इस वर्ष मूंग की फसल लगाई। कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर तकनीकी सुझाव कृषक को आधुनिक कृषि प्रणाली की जानकारी मिलती रहती है। जिससे सुकुलधर के साथ-साथ ग्राम के अन्य कृषक भी विभागीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित हो रहे है।

No comments