रायपुर। बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश सरकार एक तरफ गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का ढोल पूरे प्रदेश में पीट रही है,किन्तु हकीकत ये है कि छत्तीसगढ़ क...
रायपुर। बड़ी दुर्भाग्य की बात है कि प्रदेश सरकार एक तरफ गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का ढोल पूरे प्रदेश में पीट रही है,किन्तु हकीकत ये है कि छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले स्थित सुपेबेड़ा सहित 9 गांवों के लोगों को सरकार आज तक शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी पूर्व में जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे,सुपेबेड़ा में घर-घर जाकर तत्कालीन रमन सरकार से शुद्ध पेयजल,मृतक परिवार को 5 लाख मुआवजा और नौकरी की मांग किया करते थे। कांग्रेस की सरकार बनने पर पानी सहित सारी सुविधाएं देने का वादा किए थे।किन्तु आज भूपेश बघेल जी स्वयं सरकार के मुखिया होकर भी सुपेबेड़ा मामले पर गंभीर नहीं हैं। आम आदमी पार्टी की टीम ने 27 फरवरी को सुपेबेड़ा जाकर हालात का जायजा लिया।ग्रामीणों ने बताया कि अब तक सुपेबेड़ा में 130 लोगों की मृत्यु किडनी और लीवर डेमेज होने के कारण हुई है। यहां के बेटे-बेटियों के विवाह के रिश्ते नहीं बन पा रहे हैं। आज हर परिवार में किडनी, लीवर जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं।कई लोग आज भी गम्भीर अवस्था में हैं।कांग्रेस सरकार ने पूरी तरह सुपेबेड़ा वासियों को मरने के लिए छोड़ दिया है। कांग्रेस सरकार वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के समय लगी वाटर फिल्टर प्लांट का फिल्टर तक बदल नहीं सकी है।
-ग्रामीणों की मांग सिर्फ इतना है कि सरकार पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर दे।
प्रदेश सचिव उत्तम जयसवाल ने बताया कि जब वे सुपेबेड़ा पहुचे तब उस दिन तीन घरों में एकसाथ दशगात्र का कार्यक्रम चल रहा था जिसे देख सभी साथी सिहर गए , उन्होंने कहा आज हम बात करे तो सुपेबेड़ा के साथ वे 9 गांव जिनकी आबादी लगभग 5000 की है के हर घर मे एक या अधिक इस समस्या का शिकार मिलेगा। अकेले सुपेबेड़ा जहां लगभग 1200 की आबादी है इस गांव में अबतक 130 लोगों की मौत होना वो भी पीने के शुद्ध पानी न मिलने की वजह से ये बेहद शर्मनाक व निंदनीय है। आम आदमी पार्टी ने आज प्रेस वार्ता की जिसमें सुपेबेड़ा गांव के निवासी त्रिलोचन सोनवानी जी को भी साथ में रखा ।
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