जम्मू-जब से केंद्र में मोदी सरकार बैठी है तब से जम्मू की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कई मामलों में उन्हे...
जम्मू-जब से केंद्र में मोदी सरकार बैठी है तब से जम्मू की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कई मामलों में उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। यहां तज कि उन्हें नजर बंद भी किया जा चुका है। ऐसे में उन्हें अपनी पार्टी को बचाने के लिए मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। अब श्रीनगर नगर निगम में ईदगाह-51 वार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले कौंसिरल मोहम्मद अशरफ बट और महराजगंज वार्ड के कौंसिलर फारुक अहमद मीर ने आज पीडीपी से इस्तीफे का एलान किया। यह दोनों ही पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम के करीबी माने जाते हैं।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का कुंबा संभालने में जुटी महबूबा मुफ्ती की तमाम कोशिशेें नाकाम साबित हो रही हैं। सोमवार को एक बार फिर श्रीनगर नगर निगम में पीडीपी के दो पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफे का एलान कर दिया। श्रीनगर नगर निगम में ईदगाह-51 वार्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले कौंसिलर मोहम्मद अशरफ बट और महराजगंज वार्ड के कौंसिलर फारुक अहमद मीर ने पीडीपी छोडऩे की घोषणा की। यह दोनों ही पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम के करीबी माने जाते हैं। मोहम्मद अशरफ बट ने कहा कि हम शुरू से ही खुर्शीद आलम साहब के साथ चले हैं। उन्होंने ही हमें पीडीपी में लाया था। वह अब पीडीपी में नहीं हैं, इसलिए हमने भी पीडीपी से अलग होने का फैसला किया है।आपको बता दें कि इससे पहले गत रविवार को पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम और पूर्व एमएलसी यासिर रेशी ने भी पीडीपी से इस्तीफा दिया था। सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति में आए पूर्व ट्रेड यूनियन नेता खुर्शीद व यासिर रेशी ने पीडीपी से नाता तोडऩे के बाद उनका अगला कदम क्या होगा अभी तक इस बारे में कोई घोषणा नहीं की है। यासिर रेशी ने दो साल पहले पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के खिलाफ बगावत की थी, ने भी औपचारिक रूप से अपना इस्तीफा भेज दिया है। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले के रहने वाले रेशी ने कहा कि वह अपना भविष्य तय करने से पहले अपने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से सलाह लेंगे।
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