कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव ...
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बावजूद बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 30 सीटों के लिए पिछली बार की तुलना में 2.81 फीसद कम वोट पड़े हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप के मुताबिक पहले चरण में कुल 82.69 फीसद मतदान हुआ जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन 30 सीटों पर 85.50 फीसद मतदान हुआ था, वहीं 2011 के विधानसभा चुनाव में यहां 86.13 फीसद लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था यानी पिछले एक दशक से इन सीटों पर मतदान का ग्राफ नीचे आ रहा है।
जिलावार भी घटा मतदान
पहले चरण में जिलावार भी मतदान घटा है। इस बार बांकुड़ा की चार सीटों पर 84.27 फीसद, झाडग़्राम की चार सीटों पर 84.74 फीसद, पश्चिम मेदिनीपुर की छह सीटों पर 84.03 फीसद, पूर्व मेदिनीपुर की सात सीटों पर 85.33 फीसद और पुरुलिया की नौ सीटों पर 78.28 फीसद मतदान हुआ जबकि 2016 में इन जिलों की इन सीटों पर क्रमश: 86.5 फीसद, 85.41 फीसद, 88.18 फीसद, 86.95 और 83.10 फीसद मतदान हुआ था। दोनों ही बार पुरुलिया की सीटों पर सबसे कम मतदान देखने को मिला है हालांकि इस बार गिरावट पिछली बार की तुलना में 4.82 फीसद की है। पिछले विस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने इन 30 सीटों में से 27 पर कब्जा जमाया था जबकि कांग्रेस की झोली में दो व आरएसपी के हिस्से एक सीट आई थी।
क्यों कम पड़े वोट?
पहले चरण में कम मतदान की वजह क्या है? चुनाव विश्लेषण सुबल पाल ने बताया कि इस बार मतदान शुरू होने से पहले ही हिंसा का दौर शुरू हो गया था। इससे मतदाताओं के एक वर्ग के मन में भय पैदा हुआ और वे वोट देने नहीं गए, हालांकि इसके बावजूद मतदान के फीसद में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं देखने को मिली है।
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