मुंबई। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई की राजनीति में भी उबाल बढ़ता जा रहा है। अंबानी के घर के सामने मिली कार के मामले ने राजनीतिक हल्...
मुंबई। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई की राजनीति में भी उबाल बढ़ता जा रहा है। अंबानी के घर के सामने मिली कार के मामले ने राजनीतिक हल्कों में सनसनी मचाई हुई है। पहले पुलिस अधिकारी वाजे का नाम सामने आया फिर सुई गृहमंत्री अनिल देशमुख की ओर घूम गई। वहीं परमबीर सिंह की 100 करोड़ की चि_ी को लेकर महाराष्ट्र में मचे घमासान पर शरद पवार ने एक बार फिर अनिल देशमुख का बचाव किया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पांच से 15 फरवरी तक अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। कोरोना से संक्रमित होने की वजह से अनिल देशमुख को अस्पताल में भर्ती किया गया था। शरद पवार ने कहा कि फरवरी में अनिल देशमुख और वाजे की बात हुई, ये गलत तथ्य है। पवार ने अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि फरवरी महीने में वाजे और देशमुख के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।
जांच की दिशा भटकाई जा रही
शरद पवार ने आगे कहा कि 16-27 फरवरी तक अनिल देशमुख क्वारंटीन में थे। शरद पवार ने आगे कहा कि जांच की दिशा भटकाने के लिए परमबीर सिंह ने आरोप लगाए थे। शरद पवार ने कहा कि पहले लगा था कि अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लेकिन उस समय अनिल देशमुख नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे, इसलिए वाजे और देशमुख के बीच बातचीत हुई, ये तथ्य गलत है।
अनिल देशमुख पर जांच का फैसला मुख्यमंत्री करेंगे
शरद पवार ने आगे कहा कि अनिल देशमुख पर जांच होनी चाहिए या नहीं, इसका अधिकार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास है, वो ही इस पर फैसला लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि जांच से पहले फैसला सुनाना ठीक नहीं है।
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