नई दिल्ली। स्विटजरलैंड की एक कंपनी ने साल 2020 की ग्लोबल एयर क्वालिटी रिपोर्ट जारी की है। 106 देशों के आंकड़ों पर हुए इस अध्ययन में पाकिस्ता...
नई दिल्ली। स्विटजरलैंड की एक कंपनी ने साल 2020 की ग्लोबल एयर क्वालिटी रिपोर्ट जारी की है। 106 देशों के आंकड़ों पर हुए इस अध्ययन में पाकिस्तान और बांग्लादेश सबसे प्रदूषित देश रहे। वहीं हमारा देश भारत दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की सूची में तीसरे नंबर पर रहा। प्रदूषण को लेकर जारी इस रिपोर्ट के बीच ये जानना बेहद दिलचस्प होगा कि कौन से देश दुनिया में सबसे स्वच्छ माने जाते हैं और क्यों?
इनवायरमेंटल परफॉर्मेंस इंडेक्स ने स्वच्छता की जांच के लिए 24 पैमाने बनाए हैं। इसके आधार पर 180 देशों को जांचा गया। इस सूची में डेनमार्क दुनिया के सबसे स्वच्छ देशों में टॉप पर है। डेनमार्क हमेशा से पर्यावरण को लेकर काफी सचेत है। बीते दो दशकों में इस देश के लोग पर्यावरण को लेकर और जागरुक हुए हैं। यहां के लोग दफ्तर या दूसरी जगहों पर आने-जाने के लिएनिजी वाहनों की जगह साइकिल या सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करते हैं।स्वच्छता के मामले में यूरोप का सातवां सबसे छोटा देश लक्जमबर्ग दूसरे नंबर पर है। आपको बता दें कि इस देश में दो साल पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सबके लिए मुफ्त कर दिया गया है, ताकि लोग अपनी गाडिय़ां छोड़ बस-ट्रेन से यात्रा करें। इससे पहले भी लक्जमबर्ग में शनिवार को मुफ्त यात्रा होती थी, लेकिन अब हर दिन सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट फ्री है। स्वच्छता की श्रेणी में स्विट्जरलैंड तीसरे स्थान पर है। पर्यावरण के सूचकांक में इस देश को सबसे अधिक अंक मिले हैं। स्विट्जरलैंड में सबसे बेहतर यहां का पानी है, जिसे गुणवत्ता और स्वच्छता के लिए 99.99 अंक मिले हैं। इस देश में भूमिगत पानी को सहेजने पर जोर दिया जाता है। स्विट्जरलैंड में शायद ही आपको नदियों-झीलों में कचरा तैरता देखने को मिलेगा। इसके साथ ही ये देश अपने घने जंगलों के लिए भी जाना जाता है। यूनाइटेड किंगडम को भी प्रदूषण मुक्त देश माना जाता है। स्वच्छ देशों की सूची में इसका चौथा स्थान है। इस देश में लगातार सैलानियों से लेकर नौकरी और पढ़ाई के लिए बाहरी लोग आते-जाते रहते हैं और यहां की आबादी भी 67 मिलियन से ज्यादा है, लेकिन इस सबके बावजूद भी स्वच्छ जल, बायोडायवर्सिटी और वायु की गुणवत्ता के मामले में ये देश कहीं आगे है। प्रदूषण मुक्त देशों की सूची में फ्रांस का पांचवा स्थान है। इस देश का इनवायरमेंटल परफॉर्मेंस इंडेक्स 83.95 है। हालांकि इस देश में इंडस्ट्रीज की संख्या काफी ज्यादा है, लेकिन इसके बावजूद भी यहां के लोग पर्यावरण को लेकर काफी सचेत है। इस देश में पानी से बिजली पैदा की जाती है, ताकि भूमिगत ईंधन का इस्तेमाल कम हो। इसके साथ ही यहां खानी बर्बादी पर भी सख्त पाबंदी है।
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