रायपुर। राज्य सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम ने कई बच्चों को नई जिंदगी दी है। छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से खासकर वनांचल के इलाकों स...
रायपुर। राज्य सरकार द्वारा कुपोषण के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम ने कई बच्चों को नई जिंदगी दी है। छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से खासकर वनांचल के इलाकों से ऐसी खबरें आती हैं जो मन को सुकून पहुंचाने वाली होती है। महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर लागू गई मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सफलता का आलम यह है कि अब तक 67 हजार से अधिक बच्चे सुपोषित हो चुके है। इसी क्रम में दंतेवाड़ा जिला के कुआकोण्डा विकासखण्ड ग्राम टिकनपाल भाटीपारा का 11 माह का बालक बृजलाल जो कि कुछ माह पहले कुपोषित था अब उचित देखभाल और खानपान की वजह से स्वस्थ हो चुका है। मां सुकमती और पिता पोड़िया अपने पुत्र बृजलाल के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित थे। 28 दिसम्बर को आयोजित मुख्यमंत्री बाल संदर्भ मेला में बालक की स्थिति को देखते हुए चिकित्सक के द्वारा उसे एनआरसी कुआकोण्डा रेफर किया गया। भर्ती करने के समय बृजलाल का वजन मात्र 3.840 किलोग्राम था। शिशुरोग विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में 13 जनवरी को छुटटी के समय उसका वजन 4.960 किलोग्राम हो गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सेक्टर सुपरवाईजर के द्वारा घर जाकर बच्चें के उचित देखभाल हेतु जरूरी सलाह दी जाती थी। वर्तमान में बृजलाल का वजन 5.255 किलोग्राम हो गया है। ग्राम पंचायत गड़मीरी के पीछलीपारा में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ मेला के अन्तर्गत अब तक 36 कुपोषित बच्चों को लाभांन्वित किया गया है एवं 3 बच्चों को एनआरसी में रेफर किया गया है।
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