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स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग कम हुई तो निगम कमिश्नर ने खुद का वेतन रोक दिया

कर्मचारियों को दिलाना चाहते हैं जिम्मेदारी का अहसास रायपुर। अभी भी प्रशासन में कई अधिकारी ऐसे हैं जो कुछ अलग काम कर मिशाल पेश करते हैं। कोई ...

कर्मचारियों को दिलाना चाहते हैं जिम्मेदारी का अहसास


रायपुर। अभी भी प्रशासन में कई अधिकारी ऐसे हैं जो कुछ अलग काम कर मिशाल पेश करते हैं। कोई अपना वेतन देता है तो कोई खुद फावड़ा या झाडू लेकर सफाई में लग जाता है। ऐसा ही मामला रायगढ़ से सामने आया है। जहां स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग कम होने पर निगम कमिश्नर ने खुद का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।  छत्तीसगढ़ के रायगढ़ नगर निगम के कमिश्नर आशुतोष पांडेय ने खुद का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। यह चौंकाने वाली बात जरूर है, लेकिन इसके जरिए वह कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराना चाहते हैं। सारा मामला स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का साफ-सफाई में अनियमितता को लेकर है। अफसर कहते हैं कि इससे सही असर हो सकता है। दरअसल, नगरीय निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए केंद्र से टीम आने वाली है। इसके लिए निगम ने इस बार 5 स्टार रेटिंग का लक्ष्य रखा है। साफ-सफाई सही नहीं होने और अनियमितता बरतने के आरोप में निगम कमिश्नर पांडेय ने कर्मचारियों का वेतन रोकने का निर्देश दे दिया था। हालांकि, फिर उनको अहसास हुआ कि कर्मचारी गरीब और मध्यम वर्ग से आते हैं।

कमिश्नर बोले- उम्मीद है कर्मचारी अपना काम ईमानदारी से करेंगे

निगम कमिश्नर पांडेय का कहना है कि कर्मचारियों का वेतन रोकने से उन्हें आर्थिक परेशानी हो सकती है। हालांकि, खुद का वेतन रोकने का आदेश देना थोड़ा अटपटा लगता है, पर इससे कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास होगा। वे अपना काम पूरी ईमानदारी से करेंगे। हमें उम्मीद है कि इस बार शहर स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा।

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